Sneha Dhanodkar

Drama Inspirational

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Sneha Dhanodkar

Drama Inspirational

कप्तान

कप्तान

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सोना अपने कॉलेज की बेस्ट स्टूडेंट थी। पढ़ाई से लेकर खेल सब में एक नंबर। किसी भी बात में वो पीछे नहीं रहती थी। कॉलेज में होने वाली हर प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती थी। चाहे नम्बर आये ना आये। वैसे तो अधिकतर उसका नम्बर आता ही था। वाद विवाद हो या तात्कालिक भाषण, डांस हो या गाना, क्विज हो या कोई और प्रतियोगिता सब में उसका नाम ज़रूर रहता था।

खिलाड़ी तो वो थी ही। बैडमिंटन की राष्ट्रीय खिलाड़ी थी। तीन साल से कॉलेज की चैंपियन और कप्तान।


बैडमिंटन के अलावा भी वो सारे खेल खेलती थी। अपनी स्पोर्ट्स टीचर धारा मैडम की फेवरेट स्टूडेंट। कुछ भी हो मैडम उसे ही बोलती थी।  सब उससे जलते भी थे। क्योंकि कोई भी कार्यक्रम हो उसे ही हमेशा स्वागत के लिए बुलाया जाता था। धारा मैडम सोना को बिल्कुल अपनी छोटी बहन की तरह रखती थी।

इस साल कॉलेज की एथलीट कॉम्पीटिशन में सोना ने भाग लिया था। कॉलेज में बहुत सारी हॉस्टल की लड़कियाँ भी थी। सोना और धारा मैडम मिलकर सुबह उनकी ट्रेनिंग करवाते थे।

कॉम्पीटिशन के लिये सब दूसरे शहर गए थे। सोना टीम की कप्तान थी। उन्होंने बहुत सी प्रतियोगिता में मेडल जीते साथ ही सबसे बड़ा अवॉर्ड बेस्ट एथलेटिक टीम का था जो उन्हें मिला था सोना के लिये गर्व की बात थी की उसकी कप्तानी में उन्हें बेस्ट टीम का अवॉर्ड मिला था।

रात को मैडम ने सबको बढ़िया पार्टी दी। बहुत सी लड़कियों के लिये शहर से बाहर जाने का ही पहला मौका था। उनके कुछ गलत करने पर सोना ने उन्हें डाँट दिया।

रूम पर आने पर धारा मैडम ने सोना को सबके सामने समझाते हुए डाँट लगायी की कप्तान होने का ये मतलब नहीं हैं की वो किसी को भी डाँट लगा सकती हैं।

उसका कर्तव्य है की वो सबको हर छोटी बड़ी बात समझाये। सबको साथ लेकर चलना एक कप्तान की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती हैं और जिसे जो नहीं आता हो वो सिखाना भी कप्तान का ही काम होता हैं। सिर्फ खेल में ही नहीं बल्कि घर पर भी हमें आगे जाकर कप्तान बनना होता हैं क्योंकि पूरे घर की जिम्मेदारी हम पर होती हैं इसीलिए सबको साथ लेकर चलना हमारी ही जिम्मेदारी होगी। इसीलिए सोना ही नहीं सभी के लिये ये बात कह रही हूँ। अगर जिन्दगी में हर कदम पर अच्छी कप्तान बनना है तो ये बातें ज़रूर याद रखना।

सोना को अपनी ग़लती का अहसास हुआ उसने सबसे माफ़ी मांगी और इस सीख को गांठ लगा कर रख लिया ताकि आगे भी जीवन में वो अच्छी कप्तान बन सके।



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