Pawanesh Thakurathi

Romance

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Pawanesh Thakurathi

Romance

खोई अंगूठी

खोई अंगूठी

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नेहा की अंगूठी कहीं खो गई गई थी। उसने उसे घर में, आँफिस में हर जगह खोजा लेकिन अंगूठी उसे कहीं नहीं मिली। उसने यह बात अपने पति दीपेश को बताई- "दीपेश, क्या आपने मेरी अंगूठी देखी ?" "नहीं, मैंने तो नहीं देखी। कुछ दिनों पहले यहीं आलमारी में दिखी थी मुझे। मुझे लगा कि शायद तुमने रख ली होगी।" दीपेश ने जवाब दिया। "नहीं, मैंने नहीं रखी। पता नहीं कहाँ गिर गई ! मैंने घर में, आँफिस में सब जगह देखा, लेकिन कहीं मिल नहीं रही।" "नहीं, मिल रही तो कोई बात नहीं। अंगूठी ही तो है। नई बनवा दूँगा।" "नहीं दीपेश वो हमारे प्यार की निशानी है।" ऐसा कहकर दुखी मन से नेहा वहाँ से चली गई।  नेहा के जाने के बाद दीपेश ने आलमारी में अंगूठी की तलाश की। उसे वह अंगूठी आलमारी के पीछे गिरी हुई मिल गई। जब उसने वह अंगूठी नेहा को दी तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना न था।


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