खौफ
खौफ
एक साल पूरा हुआ,
पूरा एक साल खौफ का
जीवन खो देने का खौफ
बंद रहने का खौफ
अपनो से दूर रहने का खौफ
गरीबी लाचारी का खौफ।
सोचते रहे अब अंत होगा,
उम्मीदे जागनी शुरू हुई......
लेकिन अब न जाने क्या होने वाला है,
क्या नया रूप ले वो फिर आ रहा
या बस हमारी समझ का फर्क है
वो अभी दूर है हम से या पास?
सब समझ से बाहर है।