कह देना पी से
कह देना पी से
अबके फागुन में सखी
आम का छोटा मंज़र महके,
कैसे बोलूं ये बावरा मन
पिया मिलन को तरसे :
आवन कह गए उह होरी में
अब और कित्ता ई तनमन तरसे,
जा रे कागा कह दे बैरी पी से अबके
फागुन में हम पै भी तो प्रेम रंग बरसे!
अबके फागुन में सखी
आम का छोटा मंज़र महके,
कैसे बोलूं ये बावरा मन
पिया मिलन को तरसे :
आवन कह गए उह होरी में
अब और कित्ता ई तनमन तरसे,
जा रे कागा कह दे बैरी पी से अबके
फागुन में हम पै भी तो प्रेम रंग बरसे!