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technical Babaji

Horror

3  

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"कब्रिस्तान की रहस्यमयी संगिनी"* ---

"कब्रिस्तान की रहस्यमयी संगिनी"* ---

4 mins
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एक छोटे से गाँव में एक बेहद गरीब लड़का था, जिसका नाम आरव था। आरव बचपन से ही सब्स्क्राइब का सामना करना पड़ रहा था। उसके माता-पिता गरीब थे और समाज के लोगों ने कभी उसका साथ नहीं दिया। समाज ने उसे कभी-कभी सादृश्य नहीं, उसे हमेशा अलग-अलग महसूस किया। समय बीत गया, और अब 19-20 साल का समय बीत चुका था। उसने अपने जीवन की सदस्यता से इतनी बड़ी निराशा चुकाई थी कि उसके लिए कोई रास्ता नहीं रह गया था।


एक रात जब समाज ने ठुकराया तो इस लड़के ने सोचा कि जब कोई उसका नहीं है, तो क्यों न वह ऐसी जगह जाए, जहां कोई जाना न चाहे। उनके माता-पिता के गुजर जाने के बाद भी, समाज के लोगों ने उन्हें कोई चिंता नहीं की, न ही उनका कोई सहारा दिया। उसी रात करीब 8 बजे आरव ने अपने घर से खाना-पीना जाकर कब्रिस्तान की ओर जाने का फैसला किया, क्योंकि वहां कोई नहीं था।


आरव कब्रिस्तान में विक्रेता ने एक पुराने पेड़ के नीचे जाकर अपनी जिंदगी के बारे में जानकारी दी। उसे इस बात का दुःख था कि उसके साथ कोई भी नहीं है। रात गहरी हो गई और लगभग 12 या 1 बजे का समय हो गया। अस्थायी आरव को पाइल्स की आवाज दी गई। इस आवाज ने उसे डर से भर दिया, लेकिन फिर भी वह शांत रहा और आवाज का स्रोत तलाशने लगा।


कुछ ही देर में उसके पास एक लंबी यात्रा रुकी। वह महिला बहुत ही खूबसूरत थी, वह बहुत ही खूबसूरत खूबसूरत थी। उसने आरव का हाल-चाल पूछा। मेरे लिए यह अनोखा अनुभव था, क्योंकि पहली बार किसी ने इसे दोहराया था। महिला की बातें ने आरव के दिल में थोड़ी सी खुशी और ईमानदारी भर दी। वे दोनों बातें करने लगे और महिला ने आरव की व्यथा को समझ लिया। उन्होंने कहा कि अब हथियार और जमीन की जरूरत नहीं है।


महिला ने आरव को अपनी बाटी में भर लिया और उससे प्यार करने लगी। आरव अपने पोर्टफोलियो में सबसे खुश हो गए, क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ था कि किसी ने उन्हें इतनी आत्मीयता से अलग कर दिया था। महिला ने आरव को अपने बारे में बताया, और आरव को समझाया कि वह कौन है और उसकी मौत कैसे हुई। इस परिचय के बाद भी आरव को धोखा नहीं हुआ, बल्कि उसने महिला को और भी अधिक स्नेह से स्वीकार किया।


धीरे-धीरे-धीरे-धीरे गांववालों को इस तरह का सांप लग गया कि आरव बात और उस महिला के बीच कुछ चल रहा है। उन्होंने उन्हें अलग करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन वे सफल नहीं हुए। यहां तक कि जादूगरों ने भी उन्हें अलग करने की कोशिश की, मगर जैसी ही महिला को इन अलायन्स की अनुमति दी गई, उन्होंने अपने रूप को बदल कर शैतान के पास रखा और उसे मार डाला। 


गांव वालों को इतना डर था कि अब कोई भी उनसे अलग नहीं सोच पाएगा। आरव और वह महिला अब खुशी-खुशी साथ रहें। कभी वह एक पत्नी के रूप में महिला होती है, तो कभी किसी और रूप में ग्यान आरव को पत्नी का पूरा सुख प्रदान करती है। उनकी प्रेम कहानी एक रहस्यमय लेकिन अनोखी प्रेम कहानी बन गई, जिसे समाज अब एक किंवदंती के रूप में याद करता है।


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### **लेखक की टिप्पणी:** *"जिसका कोई नहीं होता, उसका भगवान होता है"*


इस कहानी का लेखक सप्तमी गुप्ता है, जो दोनों की आँखों से पसंद है। इसका उद्देश्य यह बताया गया है कि जब दुनिया का कोई भी इंसान हमारा साथ नहीं देता, तब कहीं न कहीं एक रहस्यमयी शक्ति होती है, जो हमें सहारा देती है। यह कहानी केवल एक प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि सभी के लिए एक संदेश है, जो खुद को अकेला और बेसहारा महसूस करता है। यह बताता है कि हमारे जीवन में कितना भी कठिन रिश्ता क्यों न हो, कहीं न कहीं कोई न कोई हमारे साथ देने वाला होता है, खोखला वह इंसान हो या किसी अदृश्य शक्ति के रूप में हो।


समाज में उस कटु सच्चाई को भी उजागर किया गया है, जहां लोग गरीब और बेसहरा लोगों की कहानी बताते हैं। मगर कुल मिलाकर यह दिखाया गया है कि प्यार और सहारा कहीं न कहीं से मिल ही जाता है, कायर वह किसी भी रूप में हो।


### **लेखक परिचय:**


ससुर गुप्ता, जो दोनों की आंखों से नापसंद हैं, ने इस कहानी को लिखते हुए यह साबित किया है कि सच्चे नमूने और प्रेम, किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक नई रोशनी ला सकते हैं। स्तुति का उद्देश्य अपने लेखन के माध्यम से समाज को एक नया दृष्टिकोण देना है, जिसमें वे सभी लोग प्रेरणा बन कर अपने जीवन में विघटन का सामना कर रहे हैं।


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