प्रेम के खेल का भयानक अंत
प्रेम के खेल का भयानक अंत
एक छोटे से शहर में रिया नाम की एक लड़की रहती थी। उसने हाल ही में फेसबुक पर एक पेज बनाया था। वह बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक थी, इसलिए उसकीअलाइव पर कई लड़के उसे दोस्त रिक्वेस्ट की तलाश में थे। उनमें से एक लड़के विशाल ने उसे दोस्ती का प्रस्ताव भेजा जिसे उसने स्वीकार कर लिया। जल्दी ही उनकी बातचीत गहरी लग गई और दोनों के बीच एक सात्विक प्रेम का एहसास होने लगा। ने रिया को अपना ड्राइवर मान लिया था और उसके बिना एक दिन भी नॉइकल मुश्किल पद पर आसीन था।
कुछ समय बाद रिया ने दूसरा फेसबुक पेज बनाया और उसमें एक और लड़के अर्जुन से बातचीत शुरू कर दी। अर्जुन भी रिया की खूबसूरत और प्यारी बातों से प्रभावित हो गए और उन्हें अपना दिल दे दिया। रिया ने भी अर्जुन से उसी तरह का प्रेम दिखाया जैसा वह विशाल से करते थे।
अर्जुन का जन्मदिन करीब आ रहा था, और वह रिया से एक खास तोहफे की मांग की। रिया को पता चला कि विशाल उसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है, इसलिए उसने बिना सोचे-समझे विशाल से एक टेक नया मांगा। विशाल, जिसे रिया के प्रति अपने प्रेम का सबूत मिला, बिना किसी संदेह के उसे फोन खरीदकर दे दिया। रिया ने अर्जुन को भगवान को फोन किया।
कुछ दिन बाद विशाल को पता चला कि रिया ने जो फोन किया था, उसने किसी और लड़के को डेट कर लिया है। इससे उसका क्रोध सुनकर स्वर्ग के आकाश पर पहुँच गया। उसने अर्जुन को फोन कर धमकी देते हुए कहा, "तू मेरी गाड़ी से दूर रह, वरना तेरा अंजाम बहुत बुरा होगा।"
अर्जुन ने शांत स्वर में कहा, "तुम जो करना है कर लो, मैं उसे छोड़ने वाला नहीं हूं।" दोनों के बीच बातें इतनी बढ़ गईं कि अर्जुन ने विशाल को अकेले में मिलने के लिए बुलाया और वापस फोन कर दिया। लेकिन विशाल ने साफा से कहा, "तू रिया से दूर रह, बाकी तेरे अंजाम का अंदाजा भी नहीं लग सका।"
अर्जुन को विशाल की बातें बुरी तरह से बिगड़ गईं। उसने अपने चार-पांच दोस्तों के साथ एक घातक योजना बनाई। कुछ समय बाद अर्जुन ने विशाल को फिर से मिलने के लिए बुलाया और अपने दोस्तों के साथ मिलकर निर्ममता से बातचीत कर दी। विशाल का शरीर बुरी तरह से नीचे गिरा दिया गया और अंततः उसकी जान चली गई।
इस घटना के बाद, रिया को जब यह पता चला कि विशाल की मौत हो गई है, तो उसे बहुत दुख हुआ। लेकिन उसके अंदर एक भी भावना नहीं थी. उनके लिए विशाल और अर्जुन खिलौने थे, रयान वह खेलती रही थी।
लेकिन नियति को कुछ और ही विचार थे। विशाल की आत्मा अब भी शांत नहीं हुई थी। उसने फैसला किया कि वह अपने पापों की सजा दिलवाएगा। कुछ दिन बाद, रिया के जीवन में अजीबोगरीब घटनाएँ घटती हैं। उसे विशाल की परछाई दिखाई दी, और उसकी चीखें उसके ग्लासगो में दिखाई दीं।
एक रात, जब रिया सो रही थी, अचानक उसे लगा कि उसकी कोई चमक आ रही है। वह निश्चित रूप से, तो विशाल की आत्मा उसके सामने खड़ी थी। रिया ने चिल्लाते हुए माफ कर दिया, लेकिन विशाल की आत्मा ने उसे एक भयानक दंड दिया। उस दिन से, रिया का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। उसे हर पल ऐसा लगता है कि विशाल की आत्मा उसके आसपास बिखरी हुई है। धीरे-धीरे रिया रिया एक गंभीर मानसिक रोग में फंस गई, और अंत में उसे एक मानसिक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस कहानी का अंत उन लोगों के लिए एक सबक है जो लोगों की भावनाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। कोई भी इंसान अपने कर्मों से बच नहीं सकता। जो भी किसी के जीवन पर नजर रखता है, उसे अपनी आत्मा तक का हिसाब देना होता है।
