Mens HUB

Inspirational Others

3  

Mens HUB

Inspirational Others

कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता

कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता

4 mins
157


कल रात डिस्कवरी चैनल देख रहा था , वैसे यह कोई नई बात नहीं है लगभग हर रोज ही देखता हूं। खैर तो मैं एनिमल प्लेनेट देख रहा था।


अरे यह क्या डिस्कवरी से एनिमल प्लेनेट पर कैसे …. कैसे कैसे कैसे ?


ज्यादा मत सोचो यह सब चलता रहता है। सभी चैनल सिर्फ माध्यम है बात है सूचना की। तो जियोग्राफी चैनल पर देखा की एक शेर हिरण को चीर फाड़ कर चबड़ चबड खाए जा रहा है। थोड़ी देर बाद एक बिल्ली चूहे को खा गई। और थोड़ी देर बाद एक कुत्ता बिल्ली को खा गया। फिर एक पंछी सांप को खा गया , एक पंछी एक छोटे से पतंगे को खा गया ….. और भी ना जाने कौन कौन किस किस को खाने में व्यस्त दिखा। मतलब की फुलटू हिंसा , खाने के लिए फुलटू हिंसा। सोने के लिए जैसे ही बेड पर गया तब एक आखिरी बार अपने अकाउंट चेक किए तब देखा की दो आदमी मैदान में लड़ रहे है और भीड़ तालिया बजा रही है , शायद पैसा भी लगाया होगा। खैर यहां भी फुलटू हिंसा।


तब मेरे दिल में ख्याल आया।


अरे साहब झूठ बोला था कभी कभी ख्याल नहीं आया बल्कि कल रात ही पहली बार ख्याल आया था उससे पहले कभी नहीं आया। मेरा क्या है मैं तो हूं ही झूठों का बादशाह तो क्या परवाह करना की एक बार के ख्याल को कभी कभी ख्याल आता है बोल दिया। अब बादशाह की इतनी जबरदस्ती तो चलेगी ही वरना बादशाहत किस काम की।


तो कल पहली बार ख्याल दिमाग में आया की देखो तो जरा चारों तरफ हिंसा ही हिंसा है। अधिकांश जानवर और व्यक्ति जरूरत पूरी करने के लिए हिंसा कर रहे है और कुछ मनोरंजन के लिए हिंसा कर रहे है। यहां तक की कुछ तो बिना कारण भी हिंसा कर रहे है। तो कहीं ऐसा तो नहीं की दुनिया बनाई ही हिंसा के लिए गई हो। संभव है की निर्माण का मूल हिंसा ही हो, बल्कि यूं कहा जाए ही दुनिया को एक खेल के मैदान की तरह बनाया गया हो जहां सबसे ऊपर पहुंचना ही मकसद हो और इसके लिए कोई नियम ना हो चाहे जैसे पहुंचो। मारो, काटो, पीटो पर पहुंचो टॉप पर जहां बनाने वाला हमारा स्वागत करे। आखिर सारी दुनिया इसी सिद्धांत पर ही तो चलती है , अब सारी दुनिया गलत तो हो नहीं सकती। चलो मान लिया आदमी गलत हो सकता है परंतु क्या औरत भी गलत हो सकती है ? चलो मान लिए औरत तो पैदाइशी गलत है परंतु क्या बादशाह यानी की मैं यानी की शेर , यानी की बब्बर शेर गलत हो सकता है ?


नहीं कभी नहीं।


अब सवाल पैदा होता है , अरे सवाल का क्या है पैदा होता ही रहता है , पैदा होने वाले की चिंता नहीं करनी अपुन को। तो सवाल को छोड़ो और वो सुनो जो मैं कह रहा था। 


तो मैं कह रहा था की किसी अपरिचित ने दुनिया बनाई इस हिसाब से की जानवर आपस में लड़ते रहे और आखिर में टॉप यानी की बादशाहत हासिल करे , जैसे की जंगल में शेर ने हासिल की, जैसे की अपुन ने हासिल की।


और बनाने वाले को क्या मिलेगा शायद मनोरंजन या शायद आत्मिक संतुष्टि या शायद कुछ और जब बनाने वाले से मिलूंगा तब पूछूंगा।


परंतु संत तो कहते है की दुनिया प्रेम / मोहब्बत आदि के लिए बनी और अंतिम मकसद ईश्वर तक पहुंचाना हैं। 


क्या संभव है की यह जो संत है वास्तव में शैतान के चेले हो और हमें भ्रम में डालने के लिए यानी की सृष्टि बनाने वाले के खिलाफ भड़काने और उसके काम में टांग अटकाने के लिए भिजवाए गए एजेंट मात्र हो और लगातार हमारे दिमाग में भ्रम पैदा करते रहते हो ताकि आखिर बनाने वाले यानी की ईश्वर को शैतान घोषित कर दिया जाए और टांग अटकने वाले यानी की शैतान को ईश्वर घोषित किया जा सके।


आखिर सारी प्रकृति ही बाहुबल के सिद्धांत पर कार्यरत है। यहां तक की बड़े पेड़ तक अपने नीचे छोटे पौधों को पनपने नहीं देते। जब सारी प्रकृति / सृष्टि ही बाहुबल पर आधारित है तो हमें कौन उल्टा चलने को बोल रहा है।


कभी कभी मेरे दिल में यह ख्याल आता है की कहीं ईश्वर को शैतान के नाम से बदनाम तो नहीं कर दिया गया और शैतान ईश्वर बन बैठा।


ईश्वर = शैतान = ईश्वर


#अनाम #Anam #आजाद_परिंदा #AzadParinda #MensHUB


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational