कुछ दिन बाद राधा के आत्महत्या की खबर थी अखबार में। कुछ दिन बाद राधा के आत्महत्या की खबर थी अखबार में।
नहीं -नहीं देश में इतनी हिंसा हो रही है कोई तो वजह होगी। नहीं -नहीं देश में इतनी हिंसा हो रही है कोई तो वजह होगी।
इसी दामन को नारी परचम बनाकर उन्नति और प्रगति के नए आयाम गढ़ती है। इसी दामन को नारी परचम बनाकर उन्नति और प्रगति के नए आयाम गढ़ती है।
नोक झोंक की आवाज पर ही अब वो भाभी के घर पहुँच जाया करेगी। कुछ नहीं तो डोर बेल तो बजेगी ही अब से। नोक झोंक की आवाज पर ही अब वो भाभी के घर पहुँच जाया करेगी। कुछ नहीं तो डोर बेल तो...
हमारे महाराज जी भी अपने आप को हिंदुओं की पुलिस समझ रहे हैं। हमारे महाराज जी भी अपने आप को हिंदुओं की पुलिस समझ रहे हैं।
अभिभावक समाज मे बदनामी के भय से अधिकतर इन प्रकरणों को न्यायालय तक नहीं जाने देते अभिभावक समाज मे बदनामी के भय से अधिकतर इन प्रकरणों को न्यायालय तक नहीं जाने देते