डरने की कोई बात नहीं
डरने की कोई बात नहीं
अमन:- अरे भाई क्या कर रहे हो, इतना दंगा, फसाद
तोड़-फोड़ क्यों और किस लिए .....
अमान :- देश में नागरिकता बिल आया है सुना है उससे देश की जनता को बहुत परेशानियां झेलनी पड़ेगी देश को नुकसान होगा।
अमन:- देश को नुकसान वो भी नागरिकता बिल से ऐसे कैसे हो सकता है सरकार तो चाहती है जितने भी शरणार्थी हैं उनको यहां की नागरिकता दे दी जाए और जो नहीं लेना चाहते नागरिकता तो वो यहां रहने के नियमों का पालन करें ...
अमान:- नहीं -नहीं देश में इतनी हिंसा हो रही है कोई तो वजह होगी।
अमन:- वजह है, जानकारी का अभाव, पहले अच्छे से समझो इस बिल में है क्या फिर ....करना जो ठीक लगे, कुछ विपक्षी लोगों के बोलने मात्र से चिंगारी लगाई जाती है, और वो हिंसा की चिंगारी इतने बड़ी हिंसा का रूप ले लेती है।
अमन :-अच्छा ये बताओ तुम क्या चाहते हो।
अमान:-मैं कुछ नहीं बस सब लोग अच्छे से अमन और चैन से रहें ।
अमन :-अच्छा ये बताओ क्या तुम स्वयं को भारत का नागरिक मानते हो।
अमान:- हां बिल्कुल मैं भारत में जन्मा ,मेरे दादा, पिताजी सब पहले से ही यहीं पर रहते हैं ,उनका पुश्तैनी कारोबार है और शहर में लोग हमारे परिवार की बहुत इज़्ज़त भी करते हैं ।
अमन :- तो फिर एक जिम्मेदार नागरिक बनो अपने ही घर को नुकसान पहुंचाने से बचो ये देश तुम्हारा है तो इसका सम्मान करो तुमसे तुम्हारी नागरिकता कोई नहीं छीन रहा ।
यह अभियान तो उन सब के लिए है हो कई वर्षों से यहां हैं और उन्होंने इस देश की नागरिकता नहीं ली
सरकार का कहना है की इस देश में रहना है तो इस देश की पहचान के साथ रहो उन्हें सरकार सम्मान देना चाहती है सरकार किसी से कुछ छीन नहीं रही।
अगर फिर भी कोई विद्रोह करता है तो फिर इसका मतलब उसके दिल में देश के लिए सम्मान हो नहीं ।
जब हम किसी को अपना मानते हैं ना तब हम उसे नुकसान नहीं पहुँचाते बल्कि उसकी सुरक्षा करते हैं।
अमान:-हां भाई तुमने मेरी आँखें खोल दी ।
