Ritu asooja

Inspirational

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Ritu asooja

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प्रकृति के नियम

प्रकृति के नियम

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परिवर्तन प्रकृति का नियम है।

परिवर्तन ना होने पर जड़ता का

अनुभव होने लगता है।

जड़ता में सुन्दरता का क्षय होना स्वाभाविक है।


मौसम में परिवर्तन इसका शाश्वत उदहारण है।

मौसम में परिवर्तन होता है तो ,प्रकृति खिलती है

फ़सल लहलहाती है।


 फलतःपरिवर्तन शुभ का संकेत है

 वस्तुतः परिवर्तन सही दिशा में हो।


 परिवर्तन में नवीनता भी निश्चित है

 नवीनता का स्वागत करें ,मर्गदर्शन करें


आवयश्क नहीं जो कठिन है ,जटिल है वही

सही है।

कभी -कभी सरलता से भी अच्छे और महत्वपूर्ण

प्रश्न हल हो जाते हैं , सरलता से कही बातें भी उत्तम

दर्जे की हो सकती हैं।


सदैव एक जैसा रहने पर जीवन बोझिल

सा लगने लगता है

जीवन में जड़ता आ जाती है

परिवर्तन सही दिशा में शुभ संस्कारों के संग

है तो उत्तम संकेत हैं।


सबकी स्वयं की सोच है

किसी को सरलता से मिलता है

किसी को कठिनता से......

कभी-कभी सरलता से भी

बड़े -बड़े अविष्कार किए जाते हैं


ऊँची और सफल मंज़िलों को

प्राप्त किया जा सकता है।

परिवर्तन को स्वीकार करो

स्वागत करो, सम्मान करो, मर्गदर्शन करो।


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