कातिल कौन? पार्ट - 4
कातिल कौन? पार्ट - 4


पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की ऑफिसर समीर को राघव के कातिल के बारे में बताने वाले का किडनैप हो जाता है और वो एक खंडहर में क़ैद है, किडनैपर्स उस पीड़ित को खाना पानी दे रहे हैं अब आगे पढ़िए
उसी रात को चुपचाप प्रीति कहीं जा रही होती है और एक सुनसान गली के पास आती है, तभी अचानक प्रीति का कोई हाथ पकड़ कर खींचता है और प्रीति डर जाती है और चिल्लाते हुए कहती है" क, कौन है?
"अरे, मैं हूं तेरा हीरो, माधव।" माधव ने कहा। माधव पास वाले दूसरे गांव का रहने वाला है। वो और प्रीति एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं, पर दोनों की जात अलग अलग है और वो जानते हैं, की घर वाले नहीं मानेंगे और ना ही गांव वाले, फिर भी प्यार किसी से डरता कहां है, इसलिए ये दोनों ऐसे मिलते रहते हैं और ना सिर्फ मिलते हैं, बल्कि इन्होंने अपनी हदों को भी पार कर लिया था, जो सिर्फ शादी के बाद की जाती है, माधव एक अय्याश किस्म का लड़का था, ड्रग्स लेना, शराब और सारी बुरी आदतें थी उसमें, लड़कियों के साथ बदतमीजी करना, छेड़खानी करना ये पसंदीदा काम था उसका, पूरा गांव उसकी हरकतें जानता था, पर सिवाय प्रीति के या कह लो, वो जानती तो थी, पर मानना नहीं चाहती थी, बेबस थी शायद उसके प्यार के आगे, माधव प्रीति को समझाता रहता था, की वो बदल गया है, कोई गलत काम नहीं करता, माधव अपने गांव की फैक्ट्री में वॉचमैन का काम करता था और वो भी सिर्फ प्रीति के चक्कर में करता था, क्यूंकि प्रीति ने उससे कहा था कुछ काम करने को, नहीं तो उससे पहले तो सिर्फ आवारागर्दी करता था।
"इस बार तू बहुत समय बाद आई, कितना याद किया मैंने तेरे को।" माधव बोला।
"अरे! पहले तो घर में बुआ आ गई थी, तो निकलना नहीं हो पाता था, क्यूंकि उन्हें मुझ पर शक रहता है, की मैं तुझसे मिलती हूं और फिर वो शालू के पति की हत्या हो गई है, तो शालू के साथ रहती थी मैं आजकल, इसलिए आ नहीं पा रही थी,
आज मम्मी भी शालू के घर पर ही है अभी , इसलिए मैं चुपके से आ गई।" प्रीति ने बोला।
"क्या? शालू का पति, वो राघव की हत्या हो गई?" हैरानी से माधव ने पूछा।
"हां, राघव मर गया।" प्रीति ने बताया।
"किसने मारा, कुछ पता चला?" माधव ने पूछा।
"तहकीकात चल रही है, पर अभी कुछ पता नहीं चला।"प्रीति ने बताया।
"बेचारी, अभी तो शादी हुई थी और अब ये सब हो गया।" माधव ने दुखी होते हुए कहा।
"हां, सच में माधव बहुत बुरा हुआ।" प्रीति बोली।
और दूसरी तरफ ऑफिसर समीर, इंस्पेक्टर रमन एक लेडी पुलिस के साथ शालू के घर जाते हैं और समीर, शालू से पूछता है" आपके पति का झगड़ा हुआ था प्रधान से?"
"हां, साहब वो थोड़ा बहुत हो.....कहते कहते रुक जाती है, क्यूंकि इंस्पेक्टर रमन गुस्से में कहता है" थोड़ा बहुत या बहुत ज्यादा, सही सही बताओ।"
"शांत रहो, रमन, मैं पूछ रहा हूं ना।" समीर बोला और फिर शालू से पूछा" हां कहिए, झगड़ा ज्यादा था या कम?
"हां, थोड़ा ज्यादा हुआ था।" शालू ने डरते हुए कहा।
" किस वजह से हुआ था?" समीर ने पूछा
"पैसे लिए थे इन्होंने प्रधान जी से, अभी वापस नहीं कर पाए थे, वो वापस मांग रहे थे, बस इसी बात पर।" शालू ने बताया।
" अरे! साहब वैसे मेरा बच्चा झगड़ा नहीं करता था, पर गलत बात पर उसे गुस्सा आ जाता था, प्रधान को बोल दिया था, की पैसे लौटा देंगे, हम भागे कहां जा रहे हैं, पर वो तो गालियों पर उतर आए, इसलिए मेरे राघव को गुस्सा आ गया और फिर प्रधान ने ये भी कहा, की ज्यादा नाटक मत कर, मर जाएगा, पता भी नहीं चलेगा।" रोहिणी ने बताया।
"ठीक है, अब हम जाते हैं, जरूरत पड़ेगी तो बुला लेंगे आपको।" समीर बोला।
शालू के घर से निकलते ही समीर, रमन से बोलता है" इस प्रधान को पुलिस स्टेशन आने को कहो, अभी।"
"जी सर।" रमन ने कहा।
to be continued