Asha Gandhi

Tragedy

5.0  

Asha Gandhi

Tragedy

काली मेहंदी

काली मेहंदी

1 min
962


रामप्रसाद ने कमली के हाथों में लगी मेहंदी को छूते हुए कहा- "तुम हमेशा अपने हाथों में ऐसे ही मेहंदी लगा कर रखना।" पर कमली बोलते-बोलते रुक गयी, रामप्रसाद ने उसका सिर पर पड़ा घूँघट उतार दिया था- "माँ कह रही थी आप को कल से शहर में ड्यूटी पर जाना है।” 

"हाँ बड़ी ही मुश्किल से पाँच दिन की छुटटी मिली है,अपनी शादी थी तो आने दिया।" वह अपनी ही बात पर हँसा; कमली के आंसू उसके मेहंदी वाले हाथों पर टपक गये थे।

रामप्रसाद को गए हुए आज दस साल बीत गए हैं, उसकी बात कमली ने सदा के लिए दिल में उतार ली थी, दिन भर खेतों में काम कर, शाम को चूल्हा चौका करते उसके हाथों की मेहंदी अब तो कभी भी उतरती नहीं थी, बस उसका रंग बदल गया था, मेहंदी अब लाल से काली हो गयी थी l 

इक पतिव्रता की मेहंदी, काली मेहंदी !


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy