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S N Sharma

Tragedy Action

3  

S N Sharma

Tragedy Action

काली बिल्ली।

काली बिल्ली।

3 mins
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शाम गहरा गई थी चारों तरफ अंधेरा फैलने लगा था। तभी अचानक एक काली बिल्ली का बच्चा पड़ोस की मुंडेर से नीचे कूदा। उसकी चमकीली आंखें और काला रंग बच्चों को डराने के लिए काफी था पर रोहन जो मेरे चाचा जी का बच्चा था कक्षा 5 में पढ़ने वाला बच्चा था, उसे वह बिल्ली का बच्चा बहुत प्यारा लगा और वह उसे अपनी गोद में उठाकर घर ले आया।

दादी ने जैसे ही बिल्ली को देखा तो वह तुरंत रोहन से बोलीं" इसको बाहर छोड़कर आ। काली बिल्ली वैसे ही मनहूस होती है। ना मालूम कितनी बार हमारा रास्ता काटेगी।"

रोहन बिल्ली को बच्चे को बाहर छोड़ने के नाम पर रोने लगा !और अंततोगत्वा उसकी बाल हठ के आगे घर के सभी सदस्य हार गए। वह बिल्ली का बच्चा हमारे घर का एक सदस्य बन गया।

शुरू में घर में उससे डरने और नफरत करने वालों की कमी नहीं थी ।पर धीरे-धीरे उसके प्यारे व्यवहार के कारण सभी लोग उसे बहुत प्यार करने लगे।

    म्याऊं म्याऊं करता वह प्यारा सा बच्चा हमेशा रोहन के साथ रहता था। रोहन के बिस्तर के पड़ोस में रखे बक्से में उसके सोने के लिए कंबल बिछाकर इंतजाम कर दिया गया था वह रोहन के साथ खेलता हुआ उसी डिब्बे में सो जाता था ।रोहन उसका बहुत ध्यान रखता था रोहन ने उसके खाने-पीने और लेट्रिन जाने का समय निर्धारित कर दिया था ।सुबह शाम रोहन उस बच्चे के साथ बाहर जाता। बिल्ली का बच्चा वही फ्रेश होकर घर चलाता चला आता।

क्योंकि वह घर पर गंदगी नहीं फैलाता था, इस कारण घर के लोग उसे खूब पसंद करने लगे थे। जब से यह काला बिल्ली का बच्चा घर आया था, घर में चूहों की संख्या अपने आप कम होने लगी थी और उनका तांडव और उस से होने वाला नुकसान लगभग समाप्त हो चुका था ।अपना अधिकांश खाना वह इन चूहों से ही निकाल लेता था ।उसके कारण आस-पड़ोस के घरों में भी चूहों की संख्या कम होने लगी थी। सभी उस काली बिल्ली के बच्चे से बहुत खुश थे।

      बारिश के दिन थे। शाम का समय था बाहर बारिश हो रही थी इस कारण घर के सभी लोग यहां वहां खेल रहे थे ।रोहन आंगन में खेल रहा था कि अचानक एक काला सांप घर के अंदर चला आया। वह काला सांप रोहन के बिल्कुल पास चला आया था। रोहन को देखकर उसने पीछे से अपना पूरा फल खोल लिया था।

शायद वह काला कोबरा रोहन को डसने ही वाला था कि अचानक बिल्ली का बच्चा उसके सिर पर तेजी से कूद पड़ा और उसने उसके गले में अपने नुकीले दांत गड़ा दिए। सांप अपने ऊपर हुए अचानक इस हमले से बहुत ज्यादा घबरा गया था ।वह भागने लगा पर बिल्ली के बच्चे को लगा कि रोहन के ऊपर से अभी खतरा टला नहीं है नाग उसे अभी  भी डस सकता है। बिल्ली के बच्चे को उस पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया था ।उसने पीछे से सांप के ऊपर एक बार और अटैक किया। वैसे बिल्ली के बच्चे सांप के पास कभी नहीं जाते पर क्योंकि कोबरा रोहन पर अटैक करने वाला था इसलिए अपनी जान की परवाह ना करके काले बिल्ले ने उसकी गर्दन पर आक्रमण कर दिया था।

हालांकि सांप इस दूसरे आक्रमण से लगभग मृतप्राय हो गया था पर फिर भी उसमें इतनी जान तो थी ही कि वह दोबारा दोबारा आक्रमण कर सके। कोबरा ने इस बार बिल्ली के पैर पर तेजी से काट लिया 1 मिनट तड़पने के बाद काला बिल्ला वहीं गिर कर मर गया पर मरते मरते भी वह नमक का हक अदा कर गया था।

काला सांप एक तरफ मरा पड़ा था और काला बिल्ला दूसरी तरफ।

दादी मां जो इस सारे घटनाक्रम को देख रही थी बिल्ली को गोद में उठाकर फूट फूट कर रो रहीं थीं।



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