जुआ

जुआ

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दीपावली का दिन वैसे धन की देवी का दिन होता है पर जुआरीयों के लिये जुआ का दिन होता है,

आज की कहानी तो ना कहूगीं पर यह घटना आस पास की है नाम बदल दिये गये हैं, हम किसी परिवार को आहत नहीं करना चाहते हैं,

रूपा और महेश की जोड़ी बहुत सुंदर, बढ़िया लगता था जब दोनों साथ में निकलते थे। एक बार ऑफिस वालों ने कहा कि अबकी दीपावली की दावत महेश के घर हो गयी दावत रूपा के मना करने के बाद भी दावत भी हुई जोरदार शराब के दौर चले, साथ में जुआ भी पूरी की पूरी बरबादी के दिन की शरूआत, जुआ जो शुरू सब कुछ खा गया, मकान ही बचा और अवसाद की रोगी हो गयी।

कैसे हँसता खेलता परिवार मिट गया। अंत में रूपा भी संसार से चली गयी। आज महेश को देखकर दुख होता हैं पर कैसे सब कुछ बिखर जाता है एक बुरी शुरूआत से।


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