जिम्मेदारी
जिम्मेदारी
"जनसँख्या कानून अब बहुत जरुरी है पानी सिर के ऊपर से निकल रहा है। "सुमित ने उद्वेलित होकर कहा।
"पर कानून बनाने से क्या जनसंख्या रुक जाएगी ?ऐसे बहुत सारे कानून हैं। "सुधीर ने सुमित से प्रश्न किया।
"कानून का क्रियान्वयन जरुरी है वो भी सख्ती से। "सुमित ने विषय को परिभाषित करते हुए कहा।
"कानून से ज्यादा जनसंख्या बढ़ोतरी के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है। सुधीर ने सुमित की बात काट कर कहा।
"पिछले 50 सालों में हम दो हमारे दो की जागरूकता चल रही है लेकिन कोई अंतर नहीं आया जनसंख्या विस्फोटक तरीके से बढ़ रही है। "सुमित अपनी बात पर दृढ़ था।
"कानून से धर्म और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन होगा। "सुधीर ने तर्क दिया।
"कोई भी धर्म और व्यक्तिगत स्वतंत्रता देश हित से बड़ी नहीं होती ,देश है तो धर्म है ,व्यक्ति है। "सुमित ने दृढ़ तरीके से अपना तर्क रखा।
"यदि कानून बनाने से भी जनसँख्या नियंत्रण नहीं हुआ तो कानून बनाने का क्या औचित्य रह जाएगा। "सुधीर ने अपने तर्क जारी रखे।
"ये काल्पनिक बात है जो चीज अभी हुई नहीं उसके परिणाम के बारे में अभी से क्या कहा जा सकता है ?सुमित ने सुधीर के तर्क को काटा।
"क्या जनसंख्या नियंत्रण सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी है क्या हम स्वयं इसके बारे में नहीं सोच सकते ?"सुधीर हार मानने वाला नहीं था।
"निश्चित रूप से हमें सोचना चाहिए लेकिन जब धर्म और राजनीति के परदे में हमारी सोच हो तो क्या किया जा सकता है,देश किसी धर्म ,जाति,भावनाओं , पंथ ,व्यक्ति से नहीं चलता संविधान से चलता है। "सुमित ने मुस्कुरा कर कहा ,सुधीर निरुत्तर हो गया।