Vimla Jain

Action Classics Inspirational

4.7  

Vimla Jain

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ईश्वर और उनकी सुपर पावर

ईश्वर और उनकी सुपर पावर

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कोई तो सुपर पावर है।

जो यह दुनिया चलाती है।

इसे सब जगह लोग अलग अलग नाम से नवाजते हैं। कोई ईश्वर कोई अल्लाह कोई ईशु अगर सब का मतलब एक ही है सब एक ही हैं सुपर पावर कभी-कभी इस बात का अनुभव भी होता है।

वे लोग टूरिंग बस में भारत भ्रमण के लिए निकले थे ।बस में बहुत सारे लोग थे ।

सब लोग एक एक जगह के दर्शन कर रहे थे । और घूम रहे थे ।

ऐसे में बीवी का मकबरा औरंगाबाद जाने को हुआ।

 वहां गए तो सब लोगों ने बोला की, बीवी के मकबरे पर जो भी 25 पैसे डालेगा और पैसा बीच में पड़ेगा, तो उसकी मनोकामना पूरी होगी।

 वहां एक छोटी सी फैमिली अपनी मां के साथ आए हुए थे ।उनकी दो लड़कियां हस्बैंड वाइफ और मां ।

सब लोगों ने अपने-अपने 25 पैसे बीच में डाले किसी के भी नहीं पड़े तो।

तो वह मां बोलने लगी अपने बेटे की बहू से ।

तुम भी पैसे बीच में डालो, मन्नत मैं मांगती हूं। उसने बोला मेरे पास पैसे नहीं है 25 पैसे का सिक्का नहीं है। मैं नहीं डालती।

तो बस के सब जने जो है चिल्लाने लग गए और कहीं पीछे से किसी ने एक 25 पैसे का सिक्का निकालकर के आगे-आगे दिया। और सब हल्ला करने लग गए ।

सिक्का डालो ,सिक्का डालो ,और वह सिक्का एकदम बीवी के मजार में बीच पड़ा ।

और सब हर्ष उल्लास से तालियां बजाने लगे। और सब उन माताजी से पूछने लगे कि आपने क्या मांगा ।

तो वह बोली मैंने एक पोते की मांग करी।

की दो बेटियां तो है एक पोता भी हो जाए।

फिर वहां से वे लोग घर आए घूम फिर कर के। घर आने के बाद 1 दिन बहू की तबीयत खराब थी ।तो डॉक्टर से चेकअप करवाया।

डॉक्टर बोलती है आपको फोर्थ मंथ जा रहा है। आप प्रेग्नेंट है ।

बहू को और बेटे को तो विश्वास ही नहीं हुआ ,कि वह प्रेग्नेंट है☺️। क्योंकि 4 महीने शांति से निकल रहे थे ।अगर पता होता तो बस में घूमने थोड़ी जाते । कहीं कोई प्रेगनेंसी का चिन्ह नहीं था ।ना किसी ने कुछ कहा ना कुछ किया ।

और 9 महीने बाद में उनके वहां बेटे का जन्म हुआ।

इस तरह से बेटे की मां की मन्नत पूरी हुई। विश्वास करें या ना करें ।

मगर जब यह सुना तो बड़ा अजीब भी लगा ।और लगा ऊपर वाला भी बहुत कुछ करता है उस पर उन लोगों का विश्वास जम गया ।

क्योंकि वे तो दोनों बेटियों पर संतुष्ट थे ।

और उनको किसी तीसरे बच्चे की जरूरत नहीं थी ।मगर उनकी माता जी को दिली इच्छा थी कि एक बेटा होना चाहिए। दो बेटियों का भाई होना चाहिए। और उनकी यह इच्छा संपूर्ण हुई। ना वे बोले ना पत्नी बोली मगर भगवान ने और मां की पुकार ने उनकी इच्छा पूरी कर दी।

इसीलिए कहते हैं ईश्वर इच्छा सर्वोपरि।


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