manpreet kaur

Horror

4.3  

manpreet kaur

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हॉन्टेड चर्च

हॉन्टेड चर्च

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चर्च की छत की घंटी ज़ोर से बजने लगी और तब राज का ध्यान चर्च की छत पर गया, तो अपने दोस्त रतन की लाश उसी घंटी पर लटकती हुई पाई। रतन की रहस्यमई मौत को देख, राज के पैरों तले ज़मीन खसक गयी और वो खुदको रतन की मौत का ज़िम्मेदार समझने लगा।

राज और रतन असम में स्थ्तित गुहाटी में रहते थे और पक्के दोस्त थे। एक रात वो दोनों कोई पार्टी से वापस आ रहे थे। रात बहुत हो गयी थी और अब उनको घर पहुँचने में बहुत देर हो जाएगी, क्यूंकि दोनों ने पार्टी में खूब शराब पि ली थी और इस वजह से राज गाडी धीरे चला रहा था।

रतन- यार राज, आज तो पार्टी में बहुत एन्जॉय किया। तू गाडी चलालेगा ना ? या फिर हम किसी होटल में आज रात रह जाते हैं ?

राज- नहीं रतन, मैं ठीक हूँ। एक शॉर्टकटवाला रास्ता पकड़ते हैं, नेहरू पार्क रोड वाला। जल्दी घर पहुँच जायेंगे।

रतन- नहीं राज, उस रास्ते से कोई गुजरने की हिम्मत नहीं करता। वो एक हॉन्टेड रास्ता है।

राज- मैं यह सब नहीं मानता। एक बार घर पहुँच जाएं बस। इससे ज्यादा छोटा रास्ता और कोई इलाके में नहीं है।

रतन ने राज को बहुत समझाया, राज एक नास्तिक था, वो भगवन और भूत-प्रेत को नहीं मानता था। बातें करते- करते, दोनों नेहरू पार्क पहुँच जाते हैं। नेहरू पार्क रोड पहुँचते ही रतन की तो जैसे हालत पतली हो रही थी। 

राज- क्या हुआ रतन ? तू इतना डरा हुआ क्यों है ?

रतन- मैंने कहा था ना की यहाँ नहीं आना ? तुम बहुत ज़िद्दी हो राज।

राज- तू फिर शुरू हो गया ? छोटा सा रास्ता है, अभी कुछ देर में हम घर पहुँच जायेंगे।

अचानक चर्च के पास पहुँचते ही उनकी गाडी ख़राब हो गयी। चर्च की घंटी बजने की आवाज़ ज़ोर से आ रही थी। रतन ने समय देखा, रातके १ बजे थे। चर्च दिखने में एक पुराने खंडर जैसा था।

रतन- यार, रातके १ बजे भी चर्च खुला है ? अगर हमने शराब नहीं पि होती तो चर्च के अंदर जरूर जाते।          

राज- यह भगवन, ईश्वर सब तुम इंसानो का भ्रम है। एक तो दूर-दूर तक तो कोई मैकेनिक नहीं दिख रहा। शायद कोई लिफ्ट मिल जाएं तो सही होगा। गाडी के पास इंतज़ार करते हैं।

इतने में रतन को चर्च के बाहर, एक बूढ़ा सा आदमी दिखा।

रतन- यार राज, वो देख चर्च के बाहर कोई बैठा हुआ है। चलना देखें शायद वही हमारी कुछ मदद कर दे।

राज- मुझे तो वहां कोई नहीं दिखरहा। लगता है, तुझे बहुत नशा हो गया है।

रतन- नहीं राज, ध्यान से देख वहां तुझे एक बूढ़ा आदमी दिखेगा।

राज ने फिर देखा तोभी वहां कोई नहीं था। रतन उस बूढ़े आदमी के पास गया तो उसने देखा की एक पादरी बाइबिल पढ़ रहा था। रतन हैरान था की ऐसी खंडर जगह पर रातके १ बजे, यह पादरी अकेले बाइबिल पढ़ रहा था।

रतन- फादर, आप यहाँ अकेले क्यों बैठे हो ? और इतनी देर रातको चर्च की बड़ी घंटी का बजना ? इस चर्च की ऐसी हालत ? क्या आपको डर नहीं लगता ?

पादरी को रतन पर बहुत गुस्सा आता है और वो वहां से चले जाते हैं। रतन का चर्च को अंदर से देखने का मन हुआ और मोबाइल की टोर्च ऑनकर, अकेले ही अंदर चला गया। उसने देखा की पादरी एक कोने में बैठकर बाइबिल पढ़ रहे थे।

रतन-अरे, यह तोआश्चर्य की बात है, अँधेरे में भी पादरी बाइबिल कैसे पढ़ रहे हैं ?

रतन की वजह से पादरी को बाइबिल पढ़ने में बहुत परेशानी हो रही थी। वो चर्च की छत पर चले गए। रतन भी अपनी मोबाइल लाइट से पूरा चर्च अंदर से देख रहा था और फिर देखते-देखते, वो छत पर भी पहुँच गया।

रतन उस बड़ी घंटी के पास पहुंचा और उसे बजाने की कोशिश करने लगा। तभी उसे ठोकर लगती है और वो एक रस्सी पे जा गिरा। वो रस्सी अपने आप ही रतन के गले पर बंध गयी। पास खड़े पादरी से रतन मदद मांग रहा था, पर पादरी उसे गुस्से से घूरे जा रहा था।

रतन- बचाओ! बचाओ! राज, राज मुझे बचाओ।

इतने में पादरी रतन को ज़ोर से धक्का देता है और रतन को फांसी लग जाती है। घंटी पे लटकने से, रतन दम तोड़ देता है।

वहां राज भी रतन को ढूंढ रहा था। चर्च के चारों तरफ ढूंढ़ने के बावजूद रतन नहीं मिला। रतन का फ़ोन भी नहीं लग रहा था।

चर्च की छत की घंटी ज़ोर से बजने लगी और तब राज का ध्यान चर्च की छत पर गया, तो अपने दोस्त रतन की लाश उसी घंटी पर लटकती हुई पाई। रतन की रहस्यमई मौत को देख, राज के पैरों तले ज़मीन खसक गयी और वो खुदको रतन की मौत का ज़िम्मेदार समझने लगा।

राज ने देखा की रतन की लाश के पास बाइबिल पड़ने की आवाज़ आ रही थी। इतने में राज को रतन का कॉल आया।

राज- रतन तू ? तेरा कॉल ? यह सब क्या है ?

कॉल-राज मुझे बचाओ।राज मुझे बचाओ।

राज को कुछ समझ नहीं आ रहा था की ऊपर रतन की लाश और अब उसका कॉल। साथ में उसकी लाश के पास बाइबिल पड़ने की आवाज़।

राज चर्च की छत पे जाने लगा और इतने में एक ट्रक के गुजरने की आवाज़ आयी। राज ने उस ट्रक को रोका।

राज- सुनिए भाई साहब, प्लीज मेरी मदद करो, मेरे दोस्त की लाश वहां चर्च के ऊपर लटकी हुई है।

ट्रक ड्राइवर- अरे साहब आप यहाँ कैसे फस गए ? चलिए यहाँ से। यहाँ बहुत खतरा है।

राज- क्या बकवास कर रहे हो ? इंसानियत के नाते तो मदद करो ?

ट्रक ड्राइवर- अगर मैंने आपकी मदद की, तो हमारी मदद करने कोई इंसान नहीं आएगा। मैं अभी भी कह रहा हूँ, चलिए मेरे साथ।

राज हारकर उस ट्रक में बैठ जाता है। ट्रक ड्राइवर दिखने में ५० साल का गाँव का रहने वाला लग रहा था और शरीर से काफी तंदरुस्त था। राज के मन में रतन की मौत का मंज़र घूम रहा था। अब राज पूरी तरह से डरा हुआ था।

ट्रक ड्राइवर- साहब, आप यहाँ कैसे आए ? क्या आपको इस जगह के बारे में कुछ नहीं पता ? आपके दोस्त की मौत कैसे हुई ?

राज ने पूरा किस्सा बताया तो ट्रक ड्राइवर ने उस चर्च का रहस्य बताया।

ट्रक ड्राइवर - जब भारत पर अंग्रेज़ों का शासन था, तब आज़ादी की लड़ाई में बहुत से क्रांतिकारी शहीद हुए और कई निर्दोष भारतीय लोग, अंग्रेज़ों की ग़ुलामी करने पर मजबूर थे। इसपर चर्च के एक प्रसिद्ध ब्रिटिश पादरी विल्सन, अंग्रेज़ों की तानाशाही के खिलाफ थे और हमेशां भारतीय लोगों के पक्ष में रहे। यह देख, ब्रिटिश सरकार को पादरी विल्सन पर शक हुआ, की वो भारतीय लोगों की सहायता कर रहे हैं। इस बात से नाराज़ होकर, एक दिन ब्रिटिश सरकार के एक अधिकारी ने पादरी विल्सन के गले में रस्सी बांधकर उन्हें चर्च के छत पर टंगी बड़ी घंटी पर लटका दिया। पादरी विल्सन ने अँगरेज़ सरकार को पतन का अभिशाप दिया।पादरी विल्सन ने तड़पते हुए दम तोड़ दिया और उस चर्च को अँगरेज़ सरकार ने खाली करवा दिया। तबसे, पादरी विल्सन की आत्मा उसी चर्च में आजभी भटक रही है और रोज़ आधी रातको चर्च की बड़ी घंटी बजने की आवाज़ आती है। कोई भी उस चर्च से गुजरने की हिम्मत नहीं करता।

राज- लेकिन मेरे दोस्त की मौत उसका क्या ? और तुम्हे कैसे पता यह सब ?

ट्रक ड्राइवर- हम गाँव के लोग बचपन से इन्ही कहानियों को सुनकर बड़े हुए हैं। आप जैसे शहरी लोग नहीं समझेंगे। जब कभी कोई इस चर्च में आया, या फिर पादरी से बात करने की कोशिश की तो ऐसी पुरानी ज़िद्दी आत्माएं किसीकी भी मौजूदगी पसंद नहीं करती, क्यूंकि उस जगह पर सिर्फ अपना कब्ज़ा समझती हैं और कभी छोड़के कहीं नहीं जाती। आपके दोस्त को भी पादरी ने ही मारा होगा। ऊपर से आप दोनों ने शराब पि रखी है। इस बातसे पादरी ने और भी ज्यादा क्रोधित होकर रतन को मौत के घाट उतार दिया।

राज- इतने सालों से यह चर्च को हटाया क्यों नहीं गया ? यह सब कबतक चलेगा ?

ट्रक ड्राइवर- हाँ साहब, कई बिल्डरों ने इसे तोड़ने की कोशिश की, पर वो सब अपनी जान गवा बैठे। ऐसी पुरानी आत्माएं किसीकी भी मौजूदगी पसंद नहीं करती, क्यूंकि उस जगह पर सिर्फ अपना कब्ज़ा समझती हैं और कभी छोड़के कहीं नहीं जाती। आपके दोस्त को भी पादरी ने ही मारा होगा। ऊपर से आप दोनों ने शराब पि रखी है। यह पादरी को चर्च के नियमों के विरुद्ध लगा और इस बातसे पादरी ने और भी ज्यादा क्रोधित होकर आपके दोस्त को मौत के घाट उतार दिया।

हर शॉर्टकट रास्ता हॉन्टेड नहीं होता पर जब किसी रास्ते से आप परिचित ना हों तो उसपर चलने की कोशिश कभी ना करें।


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