शापित चुड़ैल
शापित चुड़ैल
चुड़ैलों के किस्से तो कई सुने, पर जब कोई कर्मों और अभिशाप से चुड़ैल बनजाए, तो एक हैरत अंगेज़ अनहोनियां जन्म लेती हैं। ऐसी ही अनहोनी मेरी सहेली रीटा के साथ हुई थी, आज से कुछ साल पहले। रीटा अपनी माँ के साथ असम में रहती थी।
रीटा की माँ को काले जादू में महारथ हासिल थी। उसकी माँ लोगों पर कला जादू करती और ज्यादा तर मार भी डाला करती। हर अमावस की रात को रीटा की माँ, जंगल में एक जगह बनाकर अपने काले जादू को अंजाम देती थी। कभी जानवरों की बलि देती, तो कभी लोगों और बच्चों की। काली शक्तियों की उपासना करना, भूत-प्रेत को वश में कर लोगों पर छोड़ देना, इनसब से लोग रीटा की माँ को चुड़ैल कहने लगे और बहुत अभिशाप भी देते।
एक दिन रीटा ने अपना घर छोड़ दिया और कुछ दिन बाद अपने पसंद के लड़के से शादी कर ली। फिर भी रीटा की माँ में कोई सुधार नहीं आया। अपनी काली शक्तियों के दम पर, रीटा की माँ ने सारी हदें पार कर दी और वो दुनिया पे राज करना चाहती थी।
इसकेलिए वो कई और मासूम लोगों और बच्चों की बलि देने लगी। भगवान का भी कोई डर नहीं था और किसी भी धार्मिक स्थल में नहीं जाती। कोई भी रीटा की माँ से संपर्क नहीं रखता और वो बिलकुल अकेली पद गयी। कई सालों तक रीटा की माँ, अपनी काली शक्तियों को लोगों पर आज़माती रही। वो बेलगाम होकर, काले जादू से जो चाहती हासिल करती। रीटा की माँ का हुलिया भी एकदम डरावना दिकने लगा। आंखें बड़ी और लाल और बाल भी भयानक रूप से हमेशा खुले रहते.
लेकिन बुराई का अंत एक दिन भी हो जाता है। रीटा की माँ शायद भगवन के इन्साफ और कर्मों के फल का मतलब भूल चुकी थी। रीटा की माँ अचानक बहुत बीमार हो गयी। उसे लकवा मार गया। इसबार उसका काला जादू भी नाकाम रहा और उसका ख्याल रखने वाला भी कोई नहीं था। डॉक्टर के इलाज शुरू करने से पहले ही उसका हाल और भी ख़राब हो गया।
जितनी भी आत्माएं और भूत-प्रेत को उसने अपने वश में किया था, वह सारी काली शक्तियां उसपर भारी पड़ गयी। जितने भी मासूम लोग और बच्चों की बलि दी थी, उन सबकी आत्मा अब रीटा की माँ के शरीर को नोचने लगीं थी। धीरे-धीरे उसके शरीर में कीड़े पड़ गए। ऐसी औरतें जो खुद काला जादू करती हैं, उनकी छवि एक शापित चुड़ैल जैसी हो जाती है। उनका अंत में रीटा की माँ जैसा ही हाल होता है।
किसी भी डॉक्टर ने रीटा की माँ का इलाज करने से मना कर दिया। लोग दूर से उसकी हालत देखके कहते "इस चुड़ैल का यही हाल होना चाहिए। अब सारी काली शक्तियां इसे ही चिमट गयी हैं। भगवन की लाठी में आवाज़ नहीं होती।" कुछ दिन बाद तड़पते हुए रीटा की माँ ने दम तोड़ दिया। वह सारी काली शक्तियां और भूत-प्रेत, रीटा की माँ की आत्मा को अपने साथ ले गईं।
ब्रह्मांड में सारी अच्छी-बुरी शक्तियां घूमती हैं। काला जादू करने वालों को अंत में यही काली शक्तियां घेर लेती हैं, क्यूंकि कुदरत के अपने नियम हैं इन्साफ करने के।