बक भूत
बक भूत
असम में बहुत भूतिया किस्से हुए हैं, उनमें से एक दिलचस्प भूतिया किस्सा है 'बक भूत'.यह वो भूत होते हैं, जो सिर्फ मछलियां खाते हैं असम में स्थित गुहाटी में बक भूत के किस्से को बहुत एहमियत दी जाती थी। कईं साल पहले, मैं दिवाली की छुटियों में गुहाटी अपनी नानी से मिलने गयी थीं नानी
गुहाटी के एक छोटे से गाँव में रहती थीं, जहाँ बहुत सारे तालाब थे। मैं गाँव के बाकी बच्चों के साथ अक्सर पास के तालाबों में मछलियां पकड़ने की कोशिश करती थीं शाम होते ही नानी मुझे घर बुला लेती क्यूंकि वहां बक भूत का आतंक फैला हुआ था इस बात से अनजान मैं एक रात अकेले ही नानीकी नज़रों से बचके पास के तालाब में जाने लगी मैंने अपने साथके बाकी बच्चों को भी बुलाया, पर सबने मुझे वापस घर जाने को कह मेरे पूछने पर भी किसीने कुछ नहीं बताया, तो मैं अपनी ही मस्ती में तालाब तक चली गयी।
तालाब के किनारे मैंने देखा की एक आदमी, बड़े अजीब तरह से मछलियां खा रहा था। पूरी मछली मुँह में डाल रहा था और काँटों सहित ही खा जाता।खाते
वक़्त वो बहुत ही भयानक आवाज़ें निकाल रहाथा. मैं बहुत डर गयी और वापस घर आ गयी मुझे घर में आती देख, नानी ने पूछा "इतनी रात कहाँ से आ रही हो? और इतनी डरी हुई क्यों हो?"
मैंने तालाबवाली पूरी बात बताई और नानी ने सुनकर उस 'बक भूत' का रहस्य बताया की, “कई साल पहले एक भिखारी आदमी घर-घर जाकर खाने
को मांगता था.एक दिन तालाब में पाओं फिसलने के कारण, वो डूब गया और उसकी मौत हो गयी तबसे रोज़ रातको उसकी आत्मा तालाब के किनारे मछली खाते हुए, गाँववालों को नज़र आती थी और इसलिए उसे सब 'बक भूत' कहते हैं। तुम भी उसी तालाब पर गयी और तुमने वही बक भूत देखा" नानी की बात सुनकर मैं बहुत डर गयी और फिर कभी रातके वक़्त उस तालाब पर कभी नहीं गयी। आज भी उस बक भूत को कई लोग मज़ाक समझते हैं, पर ऐसे ही कई किस्से असम की हर गली या गाँव में अधिकतर सुनने को मिलेंगे। कुछ
आत्माएं अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने इस धरती पर कोई न कोई जगह ढूंढ लेती हैं पर हमें इनसे सावधान रहना चाहिए।