नसीरुद्दीन शाह का पार रात के अंधेरे एक सूअर बाजार। नसीरुद्दीन शाह का पार रात के अंधेरे एक सूअर बाजार।
वो तो हमेशा ही छोटी मछली को खा जाती है। वो तो हमेशा ही छोटी मछली को खा जाती है।
मछली पकड़ पकड़ कर अपने घर ले जाने लगे। मछली पकड़ पकड़ कर अपने घर ले जाने लगे।
जिस गाँव में मछली पालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय था। वहां आज पानी की कमी थी और झामलाल मछली पकड़ने में निप... जिस गाँव में मछली पालन यहाँ का मुख्य व्यवसाय था। वहां आज पानी की कमी थी और झामला...
लग गई वो फिर से हर रोज़ की तरह अपने काम पर। लग गई वो फिर से हर रोज़ की तरह अपने काम पर।
लेखक: निकोलाय नोसोव अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: निकोलाय नोसोव अनुवाद: आ. चारुमति रामदास