लाला इतनी काली कमाई कहाँ ले जाओगे लाला इतनी काली कमाई कहाँ ले जाओगे
दादू दादू
बार-बार ऐसी बातें सुन, उसने चुप्पी साध ली और दुनिया को दिखाने के लिए अपने चेहरे पर खुशी बार-बार ऐसी बातें सुन, उसने चुप्पी साध ली और दुनिया को दिखाने के लिए अपने चेहरे ...
नेहा प्रश्नवाचक दृष्टी से सोनल को देखने लगी। नेहा प्रश्नवाचक दृष्टी से सोनल को देखने लगी।
लेखक : अलेक्सान्द्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : अलेक्सान्द्र पूश्किन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
लग गई वो फिर से हर रोज़ की तरह अपने काम पर। लग गई वो फिर से हर रोज़ की तरह अपने काम पर।