होनिंग रॉड
होनिंग रॉड


"बोल..बोलती क्यों नहीं ..दारी को साँप सूंघ गया क्या? क्यों नहीं बनाई भटे की सब्जी" छाती पर लात मारते हुए नशे में धुत्त गणेसी ने सविता से कहा।
"हाय दैय्या... मर गई रे..आह...कहा तो सही , मिला नही भटा, तो कां से बनाती" सविता रोती कराहती हुई बोली।
"झूठ बोलती है साली, इत्ते बड़े बजार मे तुझे भटा नही मिला, आँख मटक्का कर रही होगी रमेस के साथ, हेना, हाँ बोल..बोल.." कहते हुए गणेसी लगातार पीटे जा रहा था।
"बापू, अम्मा को काहे मारते हो" तभी आठ साल का छोटू बोला।
"सपोले, आ इधर आ जरा, तुझे भी बताऊँ" कहते हुए गणेसी छोटू की तरफ डंडा लेकर बढ़ा।
"भड़ाक.." तभी सविता ने बेलन उठाकर गणेसी के सिर पर दे मारा।वो तड़पकर वहीं पछाड़ खाकर गिर पड़ा।
"अम्मा, फिर तू अभी तक मार क्यों खा रही थी" छोटू ने हैरानी से पूछा।
"मेरी मार तो सहन हो जाती है लेकिन तुझे कोई घूर कर भी देखे तो उसकी आँखें निकाल लूं" सविता ने गणेसी को घूरते हुए कहा।
"अम्मा, अब से बापू तुझे जब भी मारे, तो सोचना चोट मुझे लग रही है" ।