Namrata Saran

Inspirational

4  

Namrata Saran

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रक्षक

रक्षक

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"ओफ्फो ! एक एक पल जैसे एक एक बरस के समान लग रहा है, यह प्लेन भी न जाने कब लैंड करेगा, दादी के लिए जो सामान लाई हूं उसे देखकर तो वे हैरत करेंगी, मेरी प्यारी दादी , उनके हाथ के बने लड्डू खाने को मन मचल रहा है, ऐसा लग रहा है कि प्लेन से कूद जाऊं और झट से दादी को बांहों में भर लूं "नीति के सोचते सोचते ही प्लेन लैंड कर गया। एयरपोर्ट पर उतरते ही नीति की नज़रें कुछ ढूंढने लगी।

"हाय, माय स्वीटी" मम्मी की आवाज ने चौंकाया।

"हेलो मम्मी" दूर से हाथ हिलाते हुए नीति बोली।

"मम्मी, दादी नहीं आईं?" करीब आते ही नीति ने पूछा।

"ओ कम ऑन बेटा, लव यू, मिस यू टू मच" मम्मी ने फ्लाइंग किस हवा में उछालते हुए कहा।

"आओ बेटा, घर चलें" तभी पापा ने कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।

"पापा,दादी नहीं आईं, कैसी है वो, मैं उन्हें बहुत मिस करती थी, तबीयत तो ठीक है उनकी, पिछले कुछ दिनों से उनसे बात भी नहीं हो पाई, मैं आने की तैयारी में लगी हुई थी, और दादी के लिए बहुत सारी शॉपिंग भी करना थी, ऐसी चीजें लाई हूं उनके लिए कि उनके तो होश उड़ जाएंगे,देखना आप कैसे रिएक्ट करेंगी " नीति खुशी से बता रही थी।

"दाsssदी"घर में घुसते ही नीति ने पुकारा।

"मम्मी ., पापा ... कहां है दादी"नीति ने चिंतित स्वर में पूछा।

"बेटा,तू फ्रेश हो ले, फिर बात करते हैं" मम्मी ने नीति से कहा।

"नहीं, मुझे अभी बात करना है, कहां है मेरी दादी?"नीति ने कुछ तेज़ आवाज़ में कहा।

"देख बेटा, तू ग़लत मत समझना, अम्माजी बहुत बीमार रहने लगीं थीं, अब आजकल कोई केअर टेकर भी आसानी से मिलता नहीं है, पापा का ऑफिस और मेरा सोशल वर्क रहता है, यहां उनकी देखभाल में दिक्कत हो रही थी तो ...दो दिन हुए उन्हें एक अच्छे ओल्ड एज होम में रख दिया है जहां उनकी प्रॉपर देखभाल हो जाएगी,समझी न तू" मम्मी ने कुछ सकुचाते हुए कहा।

"बहुत अच्छी तरह समझ गई मम्मी, लेकिन पापा ... पापा आप भी ...आप शायद भूल गए कि उन्होंने आपके लिए क्या क्या किया है, पर मैं नहीं भूल सकती, मम्मी और आप तो हमेशा से ही अपनी अपनी लाइफ में बिजी थे, मुझे तो दादी ने ही पालपोस कर बड़ा किया है, मैं तो ऑस्ट्रेलिया जाना ही नहीं चाहती थी लेकिन दादी की इच्छा थी कि मैं हाई एजुकेशन पाऊं, इसलिए मैं गई थी, दादी को आप लोगों के पास छोड़कर, वो तो बिल्कुल ठीक थीं, अभी कुछ दिनों पहले ही हंसते हुए बात कर रहीं थीं, वहां ऑस्ट्रेलिया में मेरे कलीग्स कितने इंप्रेस थे मुझसे, मेरी दादी से मेरे लगाव के चर्चे थे, सभी कहते थे कि वास्तव में दादी पोती का ऐसा प्यार कहीं नहीं देखा, चलिए ठीक है कि उनकी देखभाल करने वाला अभी तक कोई नहीं था लेकिन अब मैं आ गई हूं, अब मैं उनकी देखभाल करूंगी, आप लोगों को अगर कोई दिक्कत है तो मैं अपनी दादी के साथ अलग रहने चली जाती हूं, आप लोग भले ही कृतघ्न हो चुके है लेकिन मुझमें मानवता बाकी है, जो मुझे उन्हीं से मिली है, जाने दीजिए, आप नहीं समझेंगे, मुझे ओल्ड एज होम का पता दीजिए "नीति बहुत ही गुस्से में बोली।

"अरे बेटा,तू ग़लत समझ रही है "मम्मी ने समझाना चाहा।

"बस...अब एक और शब्द नहीं, बहुत शर्मिन्दा हूं कि आपकी कोख से जन्म लिया, हम लोग तो हमारे दादा दादी से बेइंतहा प्यार करते हैं, लेकिन आप जैसे बच्चों के कारण वृद्धाश्रम भरे हैं, मेरी तरह सभी ग्रैंड चिल्ड्रेन अपने दादा दादी की हिफाज़त करने का ज़िम्मा उठा लें तो दुनिया स्वर्ग हो जाए।"


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