"अम्मा, अब से बापू तुझे जब भी मारे, तो सोचना चोट मुझे लग रही है" । "अम्मा, अब से बापू तुझे जब भी मारे, तो सोचना चोट मुझे लग रही है" ।
अजी, हम कहाँ खयाली पुलाव पकाते हैं । हम तो पका पकाया खाते हैं । अजी, हम कहाँ खयाली पुलाव पकाते हैं । हम तो पका पकाया खाते हैं ।
मैं चिढ़ के बोली मैं भला क्यों लाऊँ? तुम्हें तो याद भी नहीं की आज रोज डे है मैं चिढ़ के बोली मैं भला क्यों लाऊँ? तुम्हें तो याद भी नहीं की आज रोज डे है
तभी चम्मच ने टनटनाते हुए कहा, तू तो रहने ही दे, लोग ऐसे ही नहीं कहते कि बैंगन चाहे कितना भी सुंदर हो... तभी चम्मच ने टनटनाते हुए कहा, तू तो रहने ही दे, लोग ऐसे ही नहीं कहते कि बैंगन चा...
आटा गूँथने वाली थाली, चकला और बेलन लुढ़कते हुए बाहर आये और साथ में दादी की दमदार आवाज़ भी “लो नालायक... आटा गूँथने वाली थाली, चकला और बेलन लुढ़कते हुए बाहर आये और साथ में दादी की दमदार...