गपशप
गपशप
पूरे दिन काम कर करके थक गया था। मै घर की ओर रवाना ही हुआ था कि मेरे मोबाईल की घंटी बजने लगी। मैने मोबाईल में देखा तो मेरी प्रेमिका नम्रता का फोन था। उसका नंबर मोबाईल पर देखकर ही मेरी आधी थकान दूर हो गई। मैने मोबाईल पर उससे बातें की तो पता चला कि वह मेरे घर के बाहर खड़ी है पर दरवाजा बंद है। मैने उसे वहीं रूकने के लिए कहा, और अपनी गति तेज कर दी। मानों जैसे मेरे पैरों में पंख लगे हो। मै तुंरत ही घर पहुंचा। सामने ही नम्रता खड़ी थी। उसे देखकर मै बहुत खुश हुआ। आज नम्रता बहुत ही सुंदर लग रही थी। वह मेरे साथ मेरे घर के अंदर आ गई। उसने कुछ देर बैठकर मुझसे बातें की।
अचानक नम्रता ने कहा, योगेश तुम कहो तो तुम्हारे लिए आज कुछ बना दूँ। मैने कहा, नहीं रहने दो। मै बाहर से मंगा लूँगा। नम्रता ने जिद करके मेरे लिए आलू बैंगन की सब्जी और रोटी बनाई। हमने साथ में खाना खाया। वह ऊठी और बर्तन धोकर अपने घर चली गई। मै भी अपने कमरे में सोने चला गया। शरीर थका हुआ था इसलिए बिस्तर पर पड़ते ही नींद लग गई।
करीब आधी रात बीती होगी कि मुझे बर्तनों के बजने की आवाज आने लगी। मुझे लगा कि शायद बिल्ली आ गई होगी। तभी किसी के बोलने की आवाज आई। मुझे लगा अब तो बिल्ली नहीं बल्कि कोई चोर बिल्ला घुस आया है। शायद चोर अकेला नहीं है बल्कि दो या दो से अधिक है। तभी वह बातें कर रहें है। मै होशियारी से ऊठा। बिना कुछ आवाज किए। अपने कदमों को होले होले बढ़ाने लगा। लाईट बंद थी इसलिए घना अँधेरा था। मै धीरे धीरे अपने रूम से बाहर आया। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि सभी चोर रसोईघर में क्या कर रहे हैं। मैने धीरे से खिड़की के द्वारा रसोईघर में देखा।
पर यह क्या रसोईघर में कोई नहीं। चारो तरफ सन्नाटा था। तो यह आवाज कहाँ से आ रही थी। मै दूसरे कमरे की ओर बढ़ा ही था कि अचानक रसोईघर से आवाज आई। मै फिर से उस ओर मुड़ा कि रसोईघर की लाईट चालू हो गई। मैने खिड़की से देखा तो हैरान हो गया कि चम्मच फ्रिज पर खड़े होकर नाच रहा है। तभी नीचे से आवाज आई, अरे! ऊपर खडे़ होकर क्या नाच रहा है? जल्दी से नीचे आ। तुने लाईट क्यों चालू कर दी? थोड़ी सी अकल है तुझमे। अगर मालिक ने देख लिया तो सब गड़बड़ हो जाएगा। सामने से ग्लास और थाली ने नाचते हुए कहा, अरे! आज नहीं नाचेंगे तो कब नाचेंगे? आज कितना अच्छा दिन है। आज हमनें पहली बार मालकिन को देखा। कितनी सुंदर और कितनी प्यारी है।
चम्मच ने कहा, देखा तुमने, जब वह घर के अंदर आई तो सबसे पहले मुझे हाथ में लिया। वहीं खड़े चुल्हें ने कहा, पर सबसे ज्यादा मेरे साथ थी। चम्मच तू एक बात ध्यान से सून ले। उनके साथ ज्यादा मत रहना। वरना उन्हें तेरी आदत लग जाएगी। चम्मच ने टनटनाते हुए कहा, मेरी आदत। कौन सी बूरी आदत है मुझमें। बैंगन ने हँसते हुए कहा, यहाँ की बात वहाँ और वहाँ की यहाँ। यह सुनकर सभी जोर जोर से हँसने लगे। यह सुनकर मुझे भी हँसी आ गई पर मैने हँसी को दबा लिया।
तभी चम्मच ने टनटनाते हुए कहा, तू तो रहने ही दे, लोग ऐसे ही नहीं कहते कि बैंगन चाहे कितना भी सुंदर हो देख के लेना चाहिए। अंदर से कैसा है क्या पता? वैसे भी तुझे खाने के बाद तो गैस ही गैस। आज मालिक ने तेरी ही सब्जी खाई है। मालिक वहाँ दूसरे कमरे में हैं पर बास यहाँ तक आ रही है। यह सुनकर सभी हँसे पर मुझे हँसी नहीं आई। मन किया चमचे को एक झापड़ दूँ। तभी चौका और बेलन ने एक साथ कहा, देखो तुम चाहे कुछ भी बोलो। मालकिन है बड़ी गुणी। मैने देखा उन्हें कितने प्यार से गोल गोल रोटी बेल रही थी। मालिक ने खुब रोटियां खाई। बेलन ने कहा, हाँ मुझे देखकर तो मेरी तारीफ भी की। उन्होंने कहा, कितना सुंदर और मजबूत बेलन है। मेरे बहुत काम आएगा। यह सुनकर सभी चौंक गए।
सब चुप थे तभी सूँप ने कहा, मतलब मालिक को सही करने के लिए तेरा ही उपयोग करेगी मालकिन। वहीं चलनी ने हँसते हुए कहा, वो किसी काम तो आएगा। मुझे देख मालकिन मुझे देखकर अपना करवाचौथ का व्रत खोलेगी। और तेरा क्या उपयोग। जो भी सामान तुझपर रखो आधा अंदर आधा बाहर। सामने हकलाते हुए भारी आवाज में पानी की टंकी ने कहा, चलनी हँसे सूँप पे, जिसमें की बहत्तर छेद। यह सुनकर सभी खिलखिलाकर हँसने लगे।
तभी चुल्हे ने कहा, देखो सभी एक दूसरे की टाँगे खिंचना बंद करो। हम सभी लोगों से मिलकर यह रसोईघर बनता है। हम सभी अलग अलग नहीं है। हम इस रसोईघर के सदस्य है। हम सभी परिवार की तरह रहते है। हम सभी का उपयोग मालकिन सही उपयोग पड़ने पर करती रहेगी। हाँ यह है कि बेलन को ज्यादा काम करना होगा। यह सुनकर सभी जोर जोर से हँसने लगे। इस बार मै भी जोर जोर से हँसने लगा और पूरा रसोईघर शांत हो गया था।