हंसी- खुशी इमोजी
हंसी- खुशी इमोजी


अचानक लाॅकडाऊन में रवि को सफाई के दौरान एक इमोजी मिलता है और वो भरी आंखो से अतीत की यादों में खो जाता है!कितना लड़ते थे पहले दोनो एक दुसरे से,मैम से चुगली करने से भी बाज नहीं आते थे! धीरे- धीरे दोस्ती हुई, फिर प्यार हो गया इन पांच सालों में!
रवि एक बिहार का लडका और वो (खुशी) एक मुंबई कि लडकी, दोनों एक डेंटल कालेज में साथ पढते हैं मुंबई में! सारे शिक्षकों को भी पता था इन दोनों के बारे में!सारे काॅलेज वाले इन दोनो को चिढ़ाते, हंसी- खुशी कि जोड़ी!
बात जाती है उनके माँ-पापा तक,पहले तो वो मराठी और बिहारी के शादी को मना करते है, फिर दोनों का अटूट प्यार देख कर तैयार हो जाते हैं!दोनो का रोका हो जाता है, शादी कि सारी तैयारियां चल रही होती है, अचानक से हल्दी के रश्म में खुशी चक्कर खा कर गिर पड़ती है!बल्ड टेस्ट में पता चलता है,खुशी को बल्ड कैंसर है! रवि
सब भुल के खुशी सेवा में लग जाता है! खुशी बहुत उदास रहने लगती है, रवि उसको हरदम हंसाने कि कोशिश करता है!
अचानक एक दिन रवि खुशी के लिये एक गिफ्ट ले आया! खुशी ने खोलकर देखा उसमें दो इमोजी थे!रवि बोला याद है, इस इमोजी का मतलब हंसी और खुशी कि जोड़ी!,काॅलेज के दोस्तों.त हमें चिढाते थे!खुशी खिलखिला के हंस पडी! रवि भरी आंखो से बोला,"ऐसे ही खुश रहा करो खुशी"!
एक दिन तबियत ज्यादा खराब होने पर खुशी ने रवि से कहा," तुम मुझे छोड़ दो रवि, मैने तुम्हारे जीवन में भी दुख ला दिया है!रवि उसके होठों पर हाथ रखकर चुप करा देता है और बोलता है ,"अगर तुम्हारी जगह पर मैं रहता तो क्या तुम मुझे छोड़ देती"!दोनो भरी आंखो से गले मिलते हैं!कुछ दिनों बाद खुशी मर जाती है!
रवि शादी नहीं करता है और उसी कालेज में प्रोफेसर बन जाता है, और इन्हीं इमोजी के साथ अपनी जिंदगी काटता है!