हंसी और नींद
हंसी और नींद
हंसी (खुशी) के द्वारा सकारात्मक बायोलॉजिकल परिवर्तन होते हैं। खुशी की घटना पहले मन के क्षेत्र में घटती है उसके बाद बायोलॉजी पर प्रकट होती है। हंसी की तो कमोवेश व्याख्या की जा सकती है लेकिन नींद दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य है। नींद की अभी तक सम्यक व्याख्या नहीं की जा सकी। वैज्ञानिकों ने नींद की व्याख्याएं की हैं लेकिन इसके मूल तथ्य तत्व तक नहीं पहुंच सके हैं। नींद में शरीर और मन के तल पर को कुदरती जो घटता है वह अकल्पनीय है। मन की शरीर से लगभग अलग अवस्था हो और कोई जागृत बिल्कुल ना हो, उसे ही नींद कहते हैं। जब यह जागृति बढ़ती जाए तो इसे ही योग निंद्रा कहते हैं। नींद के दरम्यान जो घटता है वह नेचुरल रूप से मनुष्य को एक जीवंतता, एक ताजगी दे देता है। नींद कुदरत का वरदान है। इस वरदान को सम्भाल कर रखें। इसे जीवन का अनिवार्य अंग समझें। इससे लाभान्वित हों। लेकिन साथ ही साथ ध्यान इस बात पर भी हो कि योग साधना के द्वारा शनै: शनै: नींद में भी अवेयरनेस (आत्म जागृति) की % बढ़ती जाए।*_