हमसफ़र
हमसफ़र
ये कहानी एक ऐसी लड़की की है जो बहुत ही संस्कारी हैउसकी मां ने उसे कभी अपनी बेटी नही समझा ना ही उसे कभी मां का प्यार दिया पर फिर भी वो इतनी संस्कारी है।वो सबको अपना समझती है , हर किसी को बहुत प्यार करती है,अपने ससुराल में जाती है तो वहां भी खुशियां ही फैलाती है,उसका नाम है _ अम्बिका ठाकुर!
उसकी शादी एक पुलिस कमिश्नर से होती है, पर वो किसी और से प्यार करती थी,अम्बिका की एक दादी मां भी हैं जिसने उसे पाला पोसा है।अम्बिका अपनी दादी मां को अपनी सारी बातें बताती है।
मुख्य पात्रों का परिचाय_:
नारायण ठाकुर_ अम्बिका के पापा है
सरोजनी ठाकुर_ अम्बिका की मां हैं
सिया ठाकुर_ अम्बिका की बड़ी बहन है
रोहन ठाकुर_ अम्बिका का छोटा भाई
रीमा_ अम्बिका के घर काम करने बाली एक लड़की
राज मल्होत्रा_ अम्बिका का पति ( पुलिस कॉमिस्नर)
रमा मल्होत्रा_ राज की मां
आनंद मल्होत्रा जी_ राज के पापा
जय_ अम्बिका का पहला प्यार
इस नाटक में हमने जिंदगी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश करी है, जो हमारी जिंदगी में सच में होता है।
