हमसफ़र एपीसोड-2)
हमसफ़र एपीसोड-2)
पापा! अंदर आइए ना। अम्बिका ने हाथ में पकड़ी किताब को सोफे पर रखते हुए कहा,
उसके पापा ने सोफे पर बैठते हुए कहा,
"वो लड़का कौन था, और तुम उसके साथ आईसक्रीम खा रही थीं, तुमने हमारी इज्ज़त का जरा सा भी खयाल नहीं किया, बीच रोड पर उस दो टके के लड़के के साथ, तुम्हे जरा भी शर्म नही आई, अपनी ना सही तो कम से कम हमने जो अपनी इज़्ज़त बनाई है उसका तो खयाल किया होता, आज हमे सरोजनी का वो फैसला सही लग रहा है तुम्हे बचपन में ही मार डाला होता तो आज ये दिन देखने को नहीं मिलता, कितना भरोसा किया था हमने तुम पर! इसलिए पढ़ने नही भेजा था की तुम हमारी इज्ज़त को सरे आम नीलाम करो"
"पापा!"
" अभी हमारी बात खत्म नहीं हुई है.............इसलिए हमने ये फैसला लिया है की हम तुम्हारी शादी कर देंगे अब, क्योंकि हम नहीं चाहते कि हमने जो इज्ज़त वर्षों में कमाई है तुम उसे पल भर में नीलाम कर दो, अगर तुम्हारे ससुराल वाले तुम्हे पढ़ाए तो पढ़ लेना नही तो कुल्हाड़ी तुमने अपने पैरों पर खुद मारी है।"
"पापा हमारी बात तो सुनो!"
"बस............................अब तुमने बहुत बोल लिया और हमने बहुत सुन लिया।"
"लेकिन पापा....."
"बस......................।"
पूरी रात अम्बिका की रो रो कर गुजर जाती है, फिर वो सोचती है की जय से बात करू, उसे बता दूं कि पापा का फैसला बदलने की मेरे अंदर हिम्मत नही है, वो सोफे पर से अपना फ़ोन उठाती है।।
इमोजी के साथ उसने जय का नंबर सेव करके रखा थापहले सोचती रही की कॉल करू या नहीं,
वो कैसे बरदाश्त करेगा मेरे सिवा उसका इस दुनिया में कोई और है भी नहीं, सुनते ही वो टूटजायेगा बिल्कुल । पता नही उसका क्या रिएक्शन होगा,कर लेती हूं बात एक दिन तो पता चलना ही है।
उसने जय को कॉल लगा दी,"मैं सांस भी लूं तुझे चाहे बिना अब होगा ना ये हमसे"उसके फ़ोन में लगे इस सॉन्ग को सुनकर अम्बिका और जायदा रोने लगती है, क्योंकि जय की हर बात, हर काम, सब कुछ अम्बिका के लिए होता है, वो अपनी जान से भी जायदा प्यार करता है उसे,कॉल उठ जाती,,
"हैलो!"
अम्बिका की आवाज रोने की वजह से निकल ही नही पा रही थ
"हैलो! अम्बिका....क्या हुआ, कुछ बोलो बाबू............. ये जान क्या हुआ?.........."
आगे क्या हुआ जानिए अगले भाग में, अम्बिका की बात सुनने के बाद जय क्या करेगा, क्या वो अम्बिका की बात मान लेगा, आखिर क्या होगा जय का रिएक्शन,

