गुंजन
गुंजन
गुंजन बहुत ही महत्त्वाकांक्षी लड़की थी। माँ-बाप और तीन भाईयों की लाडली। शुरू से ही गुंजन की हर फरमाइश कहते ही पूरी हो जाती थी।
पढ़ाई-लिखाई में अव्वल, खेलकूद प्रतियोगिता में हमेशा प्रथम आने वाली गुंजन से भी एक गलती हो गई।
प्यार करने की गलती। दीपक और गुंजन अलग-अलग जाति के थे। गुंजन ब्राह्मण परिवार से थी। दीपक बंगाली था।
बाईस साल की होते ही उसके पिता उसके लिए लड़के की तलाश में जुट गए।
यह पता चलते ही गुंजन ने विरोध शुरू कर दिया। माँ मुझे शादी नहीं करनी है।
क्यों नहीं करनी ? तेरे पिता तेरी समय से शादी हो जाए,इस प्रयास में लगे हैं। अभी लड़का मिला तो नहीं है, फिर शादी तय होने से लेकर संपन्न होने में साल दो साल लगेंगे।
तब-तक तेरी पढ़ाई पूरी हो जाएगी। माँ मैं शादी अपनी मर्जी से करूँगी। माँ सदमे में आ गई सुनकर।
एक ही रात में सब गुंजन के दुश्मन बन गए। गुंजन ने भागकर शादी कर ली। पर घरवालों ने उन्हें पकड़ लिया। जो परिवार गुंजन को जान से ज्यादा चाहता था।
उसी परिवार के लोग आज गुंजन और उसके प्यार के हत्यारे बन गए।