Priyanka Gupta

Tragedy

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Priyanka Gupta

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गरीब कौन ? day-17

गरीब कौन ? day-17

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"सेठजी ,माफ़ कर दीजिये । पहली बार मेरे हाथों कोई नुक्सान हुआ है । इस माह की तनख्वाह से काट लीजियेगा । ",सुगना ने रोशन की तरफ बड़ी आशाभरी निगाहों से देखते हुए कहा । 

नक़ली दूध-घी के व्यापार से रोशन करोड़पति बन गया था ,लेकिन उसके बाद भी पैसा उसके हाथ से छूटता ही नहीं थासुगना उसके घर पर लगभग 5 वर्षों से काम कर रही थी । निर्धनता में पली -बढ़ी ,छोटी सी उम्र में विधवा हो गयी सुगना ;बड़ी मुश्किल से अपना और अपने दो बच्चों का पेट पाल रही थी । आज उसके हाथ से काँच का गिलास छूटकर टूट गया था । काँच के टुकड़े समेटते हुए ,एक टुकड़े से उसके हाथ पर कट लग गया था । अभी वह अपनी चोट को सम्हाल ही रही थी कि रोशन ने आकर उसे डाँट दिया । 

"कोई भी काम ठीक से नहीं करती । मैं ही हूँ ;जिसने तुझ जैसी कामचोर को भी रख रखा है । ",रोशन ने कहा । 

"मेरा इतना महँगा क्राकरी सेट का गिलास तोड़ दिया । अब इसका पैसा कौन भरेगा ?",रोशन के साथ -साथ उसकी बीवी ने भी बोलना शुरू कर दिया था । 

रोशन का ड्राइवर भी वहाँ पर आ गया था । वह रोशन का सामान लेने के लिए आया था । रोशन का बैग ,लंच बॉक्स ,पानी की बोतल आदि ड्राइवर लेकर 

जाता था । 

"और कौन भरेगा ?यही भरेगी । ",रोशन ने कहा । 

"जी सेठजी । ",सुगना अब अपनी चोट के दर्द को भूल गयी थी । 

"आज की आज 1000 रूपये लाकर दे ;नहीं तो कल से काम पर मत आना । ",रोशन ने कह दिया था । 

"सेठ जी ऐसा मत कहो । मैं कहाँ जाऊंगी ?अपने बच्चे कैसे पालूँगी ?",सुगना ने बिलखते हुए कहा । 

"यहाँ यह सब नाटक नहीं चलेगा । ",रोशन ने कहा । 

इतनी देर से यह तमाशा देख रहे ,रोशन के ड्राइवर से रहा नहीं गया ,वह बोल उठा ,"सेठजी हम तो निर्धन हैं ;लेकिन आप तो गरीब हैं जिसका पेट कभी भरता ही नहीं। आप 100 रूपये की कीमत के गिलास के 1000 रूपये माँग रहे हो । थोड़ा तो ऊपर वाले से डरो । "

"तू चुप रह । ",रोशन ने कहा । 

"किस -किस को चुप कराओगे । आप किस तरह से पैसे कमा रहे हो ;यह सबको पता है । किसी दिन आपका लालच आपको राजा मिडास जैसी हालत में न पहुँचा दे । अहंकार और लालच तो राजा सिकंदर का भी पूरा नहीं हुआ था । ",ड्राइवर ने कहा । 

"यह लो 2000 रूपये ;शायद इससे आपका पेट भर जाए । ",ड्राइवर ने रोशन की तरफ 2000 का नोट उछालते हुए कहा और वहाँ से चला गया । 

रोशन आज अपने आप से भी आँखें नहीं मिला पा रहा था।


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