Kajal Manek

Inspirational

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गिरीश बाबू

गिरीश बाबू

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गिरीश बाबू पिछले तीस वर्षों से सरकारी अध्यापक हैं। उनकी नियमित उपस्थिति और ईमानदारी से पढ़ाना सभी बच्चों को बहुत पसंद है।

परन्तु जब कोरोना आया तब सभी स्कूल बंद हो गए, ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो गई। गांव में बच्चों के पास मोबाइल तो था नहीं इसलिए उनकी पढ़ाई बहुत प्रभावित हो रही थी। गिरीश बाबू से यह देखा नहीं गया उन्होंने फैसला किया कोरोना में भी गांव जाकर बच्चों को पढ़ाऊंगा, सबने उन्हें समझाने की कोशिश की कि ये सुरक्षित नहीं है आप वायरस से संक्रमित हो सकते हो। उन्होंने कहा मेरे देश के भविष्य मेरे बच्चों से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं।

वे नियमित रूप से गांव में एक कमरे में बच्चों को पढ़ाने जाते। अंततः हुआ वही जिसका सबको डर था, गिरीश बाबू कोरोना संक्रमित हो गए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

उनके सभी विद्यार्थी उनसे मिलने अस्पताल आये सभी की आंखों में अश्रु थे, गिरीश बाबू ने सबको समझाया बच्चों उदास मत हो शिक्षक कभी मरते नहीं वो हमेशा जीवित रहते हैं अपने विद्यार्थियों में मैं जा तो रहा हूं पर सदैव तुम लोगों में जीवित रहूंगा तुम्हारे संस्कारों में।

यह कहकर गिरीश बाबू चल पड़े अपनी अगली यात्रा पर।


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