गहरा प्यार
गहरा प्यार
वह भी क्या समय था। बाली उमरिया मगर कोई साजन नहीं। सब लोग प्यार मोहब्बत की बातें करते। सब अपने प्यार की कहानियां सुनाते और हम सुनते रहते। सोचते कभी हमको भी किसी से प्यार होगा। अभी तक तो किसी से हुआ नहीं। मगर मगर देखो ना आज हम सब को बताते हैं अपने दिल की बात सुनाते हैं। हमारा दिल यह बात कहते हुए बहुत खुशी से झूम रहा है। जो हम आज तक आप से ना कर पाए जी हां हमें आपसे प्यार है, करते हैं, करते रहेंगे। ताउम्र साथ निभाएंगे प्यार करते हैं करते रहेंगे तुमको सनम कसम चाहे ले लो खुदा की कसम।
वह भी क्या दिन था। जब मुझे जज साहब ने आपके लिए जानकारी दी। उन्होंने आपकी इतनी तारीफ करी इतने गुणगान करें कि मुझे तो सुन कर के ही आपसे प्यार हो गया। मेरा पहला पहला प्यार। इससे पहले तो मैं प्यार क्या होता है वह भी नहीं जानती थी।
मगर देखो आपको देखा नहीं था, मगर जिस तरह से फूल की सुगंध आ जाती है। उसी तरह से आपके गुणों की सुगंध हमारे परिवार में काका साहब जज साहब के जरिए पहले से आ गई। उन्होंने आपकी तारीफों के पुल बांधे थे, कि मुझे तो आप को बिना देखे प्यार हो गया। वह रोमांटिक वाला प्यार जिसके सपने भी आने लगे। फिर जब आपके आने का फोन आया मैं तो खुशी से पागल हो गयी। और मजे की बात देखो फोन सुनने में ही गई थी।
मैंने ही सुना मेरा दिल खुशी से झूमने लगा। कहां तो टेबल के दोनों तरफ खड़े होकर एक तरफ भाई साहब और पापा और दूसरी तरफ में मैं आगे पढ़ने की बात कर रही थी। और उनसे 2 साल शादी नहीं करने का वादा ले रही थी। और उसी समय आपका फोन आने से मैं आपसे मिलने के और शादी के सपने सजाने में अपने प्यार को पाने के सपने सजाने लगी। फिर आप घर आए, अपने दोस्त के साथ आए। उसी समय घर में गेहूं आए। मेरी बुआ जी ने बोला गेहूं आए हैं तो लगता है शुभ शकुन है। शायद शादी के ही दिखते हैं। तो आपके मुंह से एकदम निकला 19 की बहन की है 25 की कर लेते हैं। क्यों कैसा रहेगा मेरा मुंह देखने लगे। और मैं जो चम्मच जमा रही थी टेबल पर भी देखने लगे, और प्रशंसा में आंखों आंखों से इशारे करने लगे।
हम तो सुनकर एकदम खुशी से पागल हो गए। मगर खाली देख कर के, और बिना देखे हुआ प्यार , जब तक एक दूसरे को जाना नहीं तब तक कैसे परवान चढ़ेगा। इसलिए मन थोड़ा घबरा रहा था। घर वाले भी बोले सोच कर जवाब देंगे। मैंने दीदी को बोला मुझे इन से मिलना है।
मगर कहां कुछ समझ में नहीं आ रहा नहीं आ रहा था मन उखड़ा उखड़ा सा हो रहा था बेचैन था। बोले चलो मार्केट चलते हैं। शायद मन बहुत ज्यादा दिल से इनको पुकार रहा था। दिल ने दिल की पुकार सुन ली और हमारा मिलन हो गया मार्केट के अंदर कदम रखते ही सामने से अपने दोस्तों के साथ आते हुए नजर आए। इन को देखते ही मन मयूर नाच नाचने लगा। यह भी हमको ही ढूंढ रहे थे। मेरी नजरें भी इन को ढूंढ रही थी। दीदी को बोला देखो सामने। दीदी बोली चलो मिलते हैं। जो तू चाहती थी वही हो रहा है। शायद भगवान भी वही चाह रहे हैं। हम मिले होटल में गए। बहुत सारी बातें करी ऐसे लगा जनम जनम से एक दूसरे को जानते हैं। और प्यार एकदम पक्का वाला हो गया और जल्दी ही 15 दिन में शादी भी हो गई। और मेरी माता जी कहा करती थी कि शादी के बाद वाला प्यार बरगद के पेड़ के समान होता है और उसके जैसे फलता फूलता है। और जीवनसाथी से किया हुआ प्यार हमेशा जिंदा रहता है और बरगद के पेड़ की समान समय के साथ फलता फूलता रहता है और गहरा होता जाता है हमारा प्यार भी हमेशा जिंदा रहा और जिंदा रहेगा। हम खुशनसीब हैं कि हमको आप जैसा प्यार करने वाला जीवन साथी मिला। जिसने जिंदगी में प्यार ही प्यार भर दिया।

