घर

घर

1 min
333


दीपेंद्र अपने घर में तस्वीर लगाने के लिए दीवार पर किल ठोंक रहा था तभी डोरबेल की आवाज सुनकर उसने दरवाजा खोला सामने मकान मालिक महेश जी खड़े थे वो बोले "भाई क्या ठोका -ठाकी लगा रखी है "

दीपेंद्र बोला "मेरे जन्मदिन पर मेरे सहकर्मियों ने ये तस्वीर उपहार में दी थी तो सोचा लगा दूँ।"

महेश संजीदगी से बोले"देखो भाई बुरा मत मानना पर ये घर मैंने खून पसीने की कमाई से बनाया है इसमें एक कील भी ठुकती है तो मेरा सीना छलनी हो जाता है ,तो तुम इस तस्वीर को कार्नर टेबल पर सजा लो।"

दीपेंद्र मायूसी से बोला" जी ठीक है अच्छा हुआ आप आ गए वो फ्लश जरा चॉक हो रहा था मैं अपको बताने आने ही वाला था।"

महेश मुस्कुराते हुए बोले"तो इसमें मुझे बताने वाली कौन सी बात है तुम्हारा घर है स्वीपर को बुलाकर साफ करवा लो।"

अनायास पीछे से आता दूधवाला बोल पड़ा"वाह भाई साहब ये अपनी पसंद की तस्वीर लगाने के लिए कील ठोंकना चाहे तो घर तुम्हारा और टूट फूट मरम्मत करवाने के लिए घर इनका।"

        


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy