हिम्मत

हिम्मत

1 min
301


निशांत लेपटॉप पर अपने दफ्तर का कुछ काम कर रहा था तभी उसकी पत्नी वाणी आकर बोली"सुनिए मेरी कानपुर वाली सहेली के बेटे का वेडिंग कार्ड आया है मैं जाऊँ या नही?"

निशांत कुछ झुंझलाते हुए बोला"तुम भी न ये क्या छोटी-छोटी बातें मुझसे पूछती हो पढ़ी-लिखी हो कॉलेज में प्राचार्य हो अपने निर्णय खुद लेना सीखो।"

वाणी रुआँसी होकर बोली" हाँ मैं अपनी जिंदगी के छोटे-छोटे फैसलें भी खुद नहीं कर पाती जानते हो क्यों क्योकि मुझे कभी फैसलें लेने का अधिकार दिया ही नही गया मुझे क्या विषय लेना है मेरे लिए उपयुक्त जीवनसाथी कौन होगा, कौन सा जॉब मेरे लिए सही रहेगा, मुझे कब गर्भधारण करना चाहिए जैसे मेरी जिंदगी के तमाम फैसलें दूसरे लोग लेते रहे और मैं भी उन पर अपनी सहमति की मोहर लगाती रही अब तुम्हीं बताओ अचानक मुझमें अपने फैसलें लेने की हिम्मत कैसे आएगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama