" G.One मिल गया दोबारा "
" G.One मिल गया दोबारा "
दोस्तों हॉलीवुड की साइंस फिक्शनल मूवी का कोई भी मुकाबला नहीं कर सकता। लेकिन अब तो बॉलीवुड में भी साइंस फिक्शनल मूवीस की बहार आ गई है। इसमें रोबोट, रोबोट पार्ट 2 और Ra.One बहुत ज्यादा चर्चा में रही। कभी-कभी तो मुझे लगता है रोबोट मूवी का नाम "इच्छाधारी रोबोट' रखना चाहिए था क्योंकि उसमें रजनीकांत जब चाहे, जितने चाहे और जैसे चाहे वैसे अपने रूप बना लेते थे। चलिये तो कहानी शुरू करते हैं।
Ra.One से करारी हार मिलने के बाद G.One पूरी तरह से बिखर गया था। यूं लग रहा था वह फिर से जीवित नहीं हो सकेगा। लेकिन रोहित मेहरा को एक दिन सड़क पर उसके बिखरे हुए टुकड़े मिलते हैं। वो उन्हें अपने घर ले आते है और अपने एक्सपेरिमेंट करके उसे जोड़ने की पूरी कोशिश करते है।
कंप्यूटर से कुछ वाइब्स भेजने पर स्पेस से वह वाइब्स रिटर्न आती है। एक धमाके के साथ स्पेस शिप नीचे आता है। उन्हें लगता है उसमें से कोई एलियन बाहर आएगा। लेकिन उसमें से बाहर आता है चिट्टी।
चिट्टी बताता है कि G.One पूरी तरह से डिस्ट्रॉय हो चुका है। उसे फिर से रीक्रिएट करना पड़ेगा। उसमें सारे फंक्शंस फिर से डालने पड़ेंगे। यह बहुत ही मुश्किल काम है। लेकिन चिट्टी इसमें रोहित की मदद करेगा।
रोहित और चिट्टी दोनों मिल कर, दिन रात एक कर क G.One को फिर से नया जीवन देते हैं। लेकिन इस बार वाला G.One बहुत ही ज्यादा पावरफुल होता है और Ra.One से टक्कर लेने के लिए पूरी तरह से तैयार भी।
वे लोग गेम के जरिए पता करते हैं कि Ra.One इस समय कहां है ? वे जानकर हैरान हो जाते है कि डॉ बोहरा ने उसे डीकोडिंग करके उसके सारे फंक्शन को रीसेट कर दिया है। वह पूरी तरह से डॉक्टर बोहरा के अंडर में है और वैसे ही काम करेगा जैसे डॉक्टर बोहरा चाहते हैं।
उन्हें यह भी पता चलता है कि डॉ बोहरा उससे बहुत बड़ी बैंक रोबरी करवाने वाले हैं। वे G.One से कहते हैं कि Ra.One और डॉक्टर बोहरा इस काम में कभी सफल नहीं होने चाहिए। तुम्हें हर हाल में उन्हें रोकना होगा। G.One कहता है मैं वैसा ही करूंगा जैसा आप कहेंगे। अब मैं पहले से ज्यादा पावरफुल हूं और पूरी तरह से चार्जड भी।
G.One वहां पर पहुंच जाता है जहां पर Ra.One होता है और रोबरी की तैयारी होती है। बाहर डॉक्टर बोहरा को चिट्टी टैकल करता है। रोहित मेहरा अपनी गाड़ी में ही बैठकर पूरा ध्यान कंप्यूटर स्क्रीन पर रखते है ताकि किसी भी तरह की कोई गड़बड़ ना हो।
वह देखते है कि चिट्टी डॉक्टर बोहरा के ब्रेन को कंट्रोल करके उसे बेहोश कर देता है। बैंक के टेरेस पर Ra-one और G.One में फाइट होती है। दोनों के घमासान एक्शन के बाद Ra.One पूरी तरह से नष्ट हो जाता है और G.One जीत जाता है ।
डॉक्टर बोहरा को होश आ जाता है और वह रोहित मेहरा पर गोली चलाने की कोशिश करते हैं तो चिट्टी उन्हें भी मार देता है। इस तरह देश के दुश्मन डॉक्टर बोहरा और उनका रोबोट Ra.One हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो जाते हैं।
