Sumit Mandhana

Children Stories

4.5  

Sumit Mandhana

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मेहनत का फल

मेहनत का फल

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दोस्तों मालगुडी डेज़ का एक और एपिसोड लेकर आया हूं । मालगुडी में एक भिखारी रहता था। वह भीख मांग कर अपना और अपने परिवार का पेट भरता था । उसके पास दो बकरी थी। (यहां से मैं अपनी कहानी शुरू करता हूं )   

वो उन्हे अपने घर में ही अंदर छुपा कर रखता था ताकि लोगों को पता ना चले कि इसके पास दो बकरी है। लेकिन एक दिन एक औरत खाना देने उसके घर पर आती है । तब उसे पता चल जाता है कि इसके पास बकरियां है ।

लेकिन फिर भी वह उसे यही समझाती है कि जब तुम्हारे पास बकरियां है तो तुम भीख क्यो मांगते हो। उनका दूध बेचा करो उसी से जो पैसे आएंगे उससे अपना परिवार का पेट भरो ।  

उसे यह बात अच्छी नहीं लगती क्योंकि बिना मेहनत किए उसे पैसा मिल रहा होता है भीख मांग कर ! इसलिए वह यह काम करने से मना कर देता है 

लेकिन उसकी पत्नी कहती है कि वह औरत सही कह गई। हमें ऐसा ही करना चाहिए । वह लोग रोजाना बकरी का दूध निकाल कर बेचने चले जाते और जितने पैसे आते उतने से अपना घर चलाते ।  

धीरे-धीरे उनके पास पैसे ज्यादा जमा हो गए तो उन्होंने मुर्गियां खरीद ली। मुर्गियां रोज अंडे देती । वह अंडे भी बेचने लगे । अंडे और दूध बेचते बेचते उनके पास ज्यादा पैसे जमा हुए तो उन्होंने एक दुकान लगा ली । वह लोग उस में करियाणा का सामान भी रखने लगे । अब दूध और अंडे के अलावा खाने पीने का सारा राशन का सामान बेचने लगे ।

धीरे धीरे उनके ग्राहक भी बढ़ते गए उनकी आमदनी भी बढ़ती गई । दूसरे गांव के लोग भी उनके यहां पर सामान लेने आने लगे इस तरह मेहनत करते करते वे लोग गावँ के बड़े सेठ बन गये।  

एक दिन उनके घर पर एक भिखारी आता है और भीख मांगता है । वे लोग उसे भीख नही देते हैं और कहते हैं कि तुम हमारे यहां पर काम करो।हम तुम्हें बदले में पैसे देंगे। भिखारी सोचता है कि मैं तो भिखारी हूं ! मैं काम कैसे कर सकता हूं। लेकिन वह उन्हें बताते हैं कि वह लोग भी पहले भीख मांग कर अपना गुजारा करते थे । लेकिन मेहनत करने से उन्होंने यह सब खड़ा किया है । मेहनत से सब कुछ हासिल हो सकता है । उस भिखारी को उनकी बात पसंद आ जाती है। 

वह उनके यहां पर काम करने लग जाता है । वे लोग उसे बदले में तनख्वाह देते हैं। वह भी अपने परिवार का अच्छे से गुजारा करने लग जाता है । 


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