शक्तिमान और रामानुजन ट्रेजर हंट पर
शक्तिमान और रामानुजन ट्रेजर हंट पर
दोस्तों आज का विषय एकदम अलग है। शक्तिमान और रामानुजन ट्रेजर हंट पर है। सोचकर ही कैसा लग रहा है , एक सुपर हीरो और एक मैथमेटिशियन! दोनों की जुगलबंदी कैसे होगी? क्या वे लोग ट्रेजर हंट सॉल्व कर पायेंगे। चलिए तो कहानी शुरू करते हैं।
एक बार शक्तिमान लाला रोशन लाल के करोड़ों के हीरे उनके दुश्मनों से छुड़वा कर उन्हें वापस लाकर कर देता है। इस बात से खुश होकर वे शक्तिमान को अपनी पार्टी में इनवाइट करते हैं।
लेकिन वह शर्त रखते हैं कि आपको ना तो किसी गाड़ी का इस्तेमाल करना है ना ही उड़ते हुए आना है। आपको ट्रेजर हंट खेलते हुए मेरी पार्टी तक पहुंचना है। शक्तिमान कहता हैं यह मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है। मैं आराम से पहुंच जाऊंगा।
घर से बाहर निकलते हैं तो उन्हें एक बोर्ड दिखता है जिस पर लिखा होता है "200 कदम चल, दिशा मत बदल"। वह वैसा ही करता है और गिनके 200 कदम चलता है। वहाँ पहुंचने पर उसे एक छोटा सा डिब्बा दिखता है। उस पर लिखा होता है मुझे खोलो।
खोलने पर उसमें से एक एक चिट्ठी निकलती है। जिस पर लिखा होता है -"अब तू घूम के उलटा चल, जब खंभे से टकराएगा तो जाना तू संभल।" उसे मन ही मन गुस्सा तो बहुत आता है।
कितनी उटपटांग शर्त रखी है लाला रोशन लाल ने! लेकिन वह क्या करें शर्त मान चुका था, इसलिए वैसा ही करता है। उलटा घूम कर धीरे धीरे चलता है और वाकई में खंभे से टकराता है।
संभलता है और सीधा होकर देखता है, तो फिर से एक बड़ा बोर्ड होता है। लेकिन इस बार जो लिखा होता है , वह हिन्ट तो शाक्तिमान को भी समझ में नहीं आता है क्योंकि उसमें एक गणित की इक्वेशन लिखी हुई होती है।
अब तो शक्तिमान भयंकर कंफ्यूज हो जाता हैं। वह सोचता है काश बचपन में मैंने गणित की पढ़ाई की होती, तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता। वह बचपन से गणित में कमजोर था, इसलिए उससे वो सॉल्व नहीं हो पाती है।
फिर वह उड़ता हुआ सीधा स्वर्ग में जाता है और वहां से रामानुजन की आत्मा को लेकर नीचे आता है। रामानुजन वह ईक्वेश्चन सॉल्व कर देते हैं। तब पता चलता है कि इस ईक्वेश्चन का जो आंसर आएगा, उतने ही कदम चलने पर आगे उन्हें दूसरा क्लू मिलेगा।
वे वैसा ही करते हैं। दोनों आगे बढ़ते हैं और आगे उन्हें एक फिर से बोर्ड दिखाई देता है। जिस पर थिरम लिखी होती है। रामानुजन फटाफट वो भी सोल्व कर देते हैं। इसी तरह आगे बढ़ते जाते हैं और एक के बाद एक ईक्वेश्चन सॉल्व करते जाते हैं। अंतिम सवाल का जो जवाब होता है, उतने ही कदम चलने पर पार्टी का मुख्य दरवाजा आ जाता है।
दोनों पार्टी में अंदर दाखिल होते हैं। शक्तिमान सबको रामानुजन से मिलाता है। लेकिन वे तो किसी को दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि वह तो उनकी आत्मा होती है। सभी सोचते है, लगता है शक्तिमान पागल हो गया है। इसलिए हवा में बातें कर रहा है।
शक्तिमान अपने लिए और रामानुजन के लिए भी ड्रिंक लेता हैं। लेकिन यह क्या दूसरी ड्रिंक तो हवा में होती है। अब तो सभी डर जाते हैं। उन्हें लगता है शक्तिमान उन्हें परेशान करने के लिए कोई ट्रिक कर रहा है।
लाला रोशन लाल कहते हैं , शक्तिमान मैंने तुम्हें जान-बूझकर ऐसी पहेलियां दी थी। मुझे पता था तुम गणित में कमजोर हो! लेकिन प्लीज मुझे माफ कर दो। अब यह बताओ यह तुम्हारी जादुई ट्रिक क्या है, ये ग्लास हवा में कैसे हैं?
शक्तिमान उन्हें शुरू से अंत तक की पूरी घटना सुना देता है। सारी बातें सुनने के बाद पार्टी में मौजूद सभी लोग हंसने लग जाते हैं। वे लोग रामानुजन की आत्मा, जो ड्रिंक पकड़े खड़ी होती है उनका वेलकम करते हैं और बातें करने लग जाते है।
कहानी यहां पर समाप्त होती है।