Sumit Mandhana

Children Stories Crime Thriller

4.5  

Sumit Mandhana

Children Stories Crime Thriller

चाचा चौधरी, शेरलॉक होम्स और कातिल

चाचा चौधरी, शेरलॉक होम्स और कातिल

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दोस्तों हमाराआज का विषय मजेदार के साथ पेचीदा भी है। शेरलॉक होम्स और चाचा चौधरी दोनों एक ही केस को सुलझाने वाले हैं। जरा सोचिए चाचा चौधरी जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है! वह इस केस को शेरलॉक होम्स से पहले सुलझा पाएंगे या शेरलॉक होम्स उनसे पहले इस केस को सुलझा देंगे देखते हैं। चलिए तो कहानी शुरू करते हैं।   

कंजूस सेठ किरोड़ीमल शहर के बहुत बड़े नामी सेठ होते हैं। उनके घर पर 4 नौकर हमेशा काम करते है। पहला खाना बनाने वाला रसोईया, दूसरा बगीचे की देखभाल करने वाला माली, तीसरा घर का कामकाज करने के लिए नौकर और चौथा उनकी कार चलाने वाला ड्राइवर। 

आ एक बार उनके घर पर चोरी होती है। चोर उनका थोड़ा बहुत सामान चुरा कर ले जाता है। इतना ही नहीं वह जाने से पहले किरोड़ीमल का मर्डर भी कर देता है। वह इस मर्डर को दोपहर में 3:40 पर अंजाम देता है।  

 किरोड़ीमल की बीवी चाचा चौधरी को इस केस की छानबीन के लिए बुलाती है। लेकिन उनके बच्चे कहते हैं, हमारे पिता के मर्डर का मामला है चाचा चौधरी से नहीं सुलझेगा। वे लोग कहते है शेरलॉक होम्स इस केस की जांच पड़ताल करेंगे। 

दोनो अपने अपने तरीके से एक ही केस की जांच पड़ताल में लग जाते हैं। पहले शेरलॉक होम्स कहते हैं की चोर चोरी के इरादे से आया था और जब उसे सेठ जी ने लॉकर की चाबी नहीं दी होगी तो उसने गुस्से में आकर सेठ का मर्डर कर दिया। 

लेकिन चाचा चौधरी कहते हैं कि चोर चोरी करने नहीं आया था। वह मर्डर करने ही आया था। शेरलॉक होम्स चाचा चौधरी से कहते हैं तुम इतनें पक्के यकीन के साथ कैसे कह सकते हो? चाचा चौधरी कहते हैं देखिए अगर वह चोरी करने से आया होता तो लॉकर तोड़ना और चोरी करना किसी भी चोर के लिए कोई बड़ी बात नहीं होती। 

इतनी छोटी सी बात के लिए वह सेठ जी का मर्डर भी नहीं करता। लेकिन उसने छोटे-मोटे सामान की चोरी की और सेठ को मारा है। इस बात से यह बात साफ जाहिर होती है कि चोर का इरादा चोरी का नहीं बल्कि कत्ल करने का था। शेरलॉक होम्स सोच में पड़ जाता है या पॉइंट मेरे माइंड में क्यों नहीं आया। 

चाचा चौधरी आगे कहते हैं मर्डर घर के लोगों में से ही किसी ने किया है। शेरलॉक होम्स कहते है यह तुम कैसे कह सकते हो? इस पर चाचा चौधरी कहते हैं मैं यह बात साबित करके रहूंगा। फिर चाचा चौधरी एक-एक करके सब को बुलाते हैं। 

सबसे पहले रसोईया कहता है मैं तो रसोई में खाना बना रहा था। मुझे नहीं पता चोर कब आया और सेठ जी को किसने मारा। घर का नौकर कहता है मैं तो साफ सफाई करने में मशगूल था। मुझे भी नहीं पता चोरी और खून कब हुआ। फिर ड्राइवर कहता है मैं तो गाड़ी रिपेयर करवाने के लिए गैरेज में लेकर गया हुआ था। मुझे नहीं पता किसने चोरी की ,कत्ल किसने किया। माली भी कहता है मैं तो पौधों में पानी डाल रहा था। 

चाचा चौधरी उसी समय कहते हैं इंस्पेक्टर माली को गिरफ्तार कर लो इस केस का असली गुनहगार वही है। शेरलॉक होम्स और पुलिस वाले उनका चेहरा देखते रह जाते हैं। माली बेचारा रोता है गिड़गिड़ाता है कहता है कि चाचा जी ऐसा मत कीजिए मैं गरीब आदमी हूं। मैं क्यों सेठ जी को मारूंगा मैने तो उनका नमक खाया है। मैं नमक हरामी कभी नहीं कर सकता। 

लेकिन पुलिस उसकी एक नहीं सुनती और माली को गिरफ्तार करके लेकर चली जाती है। शेरलॉक होम्स कहते हैं जब यह केस सुलझ ही गया है तो मैं भी चला जाता हूं। लेकिन आप मुझे इतना बताइए चाचा जी कि आपने कैसे पहचाना खूनी माली ही है। चाचा जी कहते है क्योंकि माली पौधों को पानी सुबह में देता है। बगीचे की देखभाल सुबह की जाती है दोपहर में नहीं। 

इतना कहकर चाचा जी भी वहां से चले जाते हैं। उनकी बीवी फूट-फूट कर रोने लगती है और वह लोग बाकी की क्रिया कर्म में लग जाते हैं। 

रात को चाचा चौधरी साबू को लेकर चुपके से सेठ किरोड़ीमल के घर पर आते हैं। क्योंकि यह उनके प्लान का एक हिस्सा था। उन्होंने माली को जानबूझकर फंसाया था ताकि असली गुनहगार तक पहुंचा जा सके। उन्होंने सबके सामने माली को गिरफ्तार करवाया। लेकिन इंस्पेक्टर को अपने प्लान में शामिल करके चुपके से उसे लॉकअप से बाहर निकाल कर अपने घर में छुपा दिया। 

 उन्हें पहले से ही शक हो गया था कि सेठ किरोड़ीमल के बड़े बेटे ने ही अपने पिता को मारा है। लेकिन सबूत जुटाने के लिए वे रात को साबू को लेकर सेठ जी के घर पर आते हैं। 

 साबू की लंबाई ज्यादा होने से होने से चाचा चौधरी उस के कंधे पर बैठकर खिड़की में से बड़े बेटे के रूम में आ जाते हैं। बड़ा बेटा शराब के नशे में होता है और अपनी पत्नी के साथ बातें करता है। 

वो कहता है मैंने बुड्ढे से पैसे मांगे थे, बिजनेस करने के लिए।पर उसने मना कर दिया बोला नहीं मुझे तुम पर भरोसा नहीं है। तुम मेरा पैसा डुबो दोगे।वह समझता क्या था अपने आपको।सारी संपत्ति, दौलत का मालिक तो मैं ही हूं वैसे भी उसके मरने के बाद। 

मैंने प्यार से समझाया तो माना नहीं इसलिए मैंने उसे मार दिया और चोरी भी इसीलिए की थी ताकि सबको यही लगे कि चोर ने ही मर्डर किया है। यह सारी बातें चाचा चौधरी अपने मोबाइल से रिकॉर्ड करके वीडियो बना लेते हैं। 

तभी उसकी पत्नी की नजर चाचा चौधरी पर पड़ती है वह जोर से चिल्लाती है। अरे पकड़ो इसे इसने हमारी सब बातें सुन ली है। चाचा चौधरी खिड़की से छलांग लगा देते हैं और साबू से कहते साबू फार्मूला नंबर 321 और साबू उन्हें तुरंत कैच कर लेता है। फिर वे जल्दी से पुलिस को बुलाते हैं सारी बात बता देते हैं।

 पुलिस आकर उनके बेटे को गिरफ्तार कर लेती है और माली को छोड़ दिया जाता है। शेरलॉक होम्स भी आ जाते है वे कहते हैं।चाचा चौधरी मानना पड़ेगा वाकई में " आपका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है"। लेकिन मुझे यह बताइए जब माली बेचारा बेकसूर था तो फिर आपने पानी डालने की बात से उसे जेल क्यों भिजवाया? 

चाचा जी कहते हैं कभी कभार सुबह पानी नहीं आने पर माली को दोपहर में बगीचे में पानी डालना पड़ता है। मैं यह बात जानता था लेकिन मुझे सेठ जी के बेटे को उसका गुनाह कबूल करवाना था। इसीलिए मैंने यह चाल चली। शेरलॉक होम्स चाचा चौधरी से मिलकर बहुत खुश होते हैं। सब अपने अपने घर लौट जाते हैं। 

सेठ जी की पत्नी को बहुत झटका लगता है सब जानकर कि उनके अपने बेटे ने अपने पिता का प्रॉपर्टी के लालच में आकर खून कर दिया चाचा चौधरी से अपील करती है कि उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। 

कहानी यही पर समाप्त हो जाती है।


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