ए टी एम

ए टी एम

3 mins
613


दोपहर के ढाई बजे, गर्मियों के दिन थे, बैंक में सन्नाटा था। 

रामचरण काका कुछ पैसे निकालने के लिए नगदी काउंटर पर खड़े थे। बैंक के कैशियर प्रसाद पुराने जान-पहचान का लाभ लेते हुए थोड़े स्वच्छन्द होकर बोले:- क्यों रोज-रोज नगदी लेने आ जाते हो, वह भी कभी पाँच सौ, कभी एक हज़ार, एक ही बार दस हज़ार निकाल लो रामचरण काका।”

राम चरण काका :- चलो, यह बात तो चलती रहेगी, बताओ और सब कैसा चल रहा है, देखो मेरा बेटा अभी जापान में था, अगले महीनें भारत आ रहा है। 

बैंक का कैशियर :- यह तो खुशी की खबर है, कितना बड़ा हो गया ना ! अभी लगता ही कल ही बात है जब वह आपके साथ पैसे निकालने के लिए बैंक में आया करता था, तभी बड़ा नटखट था। मुझे यह भी याद है जब उसने दसवीं पास की थी तो मुँह मीठा कराने भी अपने साथ आया था।

राम चरण काका खुश होते हुए :- आपको याद है, अभी तक ? इस बैंक ने भी मेरी बहुत मदद की, समय पर एजुकेशन लोन नहीं दिया होता तो बोलो क्या होता।

दो चार दिन बाद कैश में नामिता मैडम बैठी थी। रामचरण काका ने तीन सौ का चेक दिया, तभी चाय वाला आ गया।

नामिता मैडम बोली :- काका, चाय पियो।

राम चरण काका ने थोड़ी ना नुकुर कर नमिता मैडम का अनुरोध स्वीकार कर लिया। 

एक दिन राम चरण काका पैसे निकालने आए। उस वक्त भोजनावकाश का समय था। वह ग्राहक लॉबी में सोफे पर बैठ गये।

तभी बैंक में आए नये मैनेजर ने उन्हें केबिन में बुलाया।

“क्या काम है ?”

“जी पाँच सौ रुपये निकालने थे।” 

“पाँच सौ रुपये निकालने के लिए क्यों बैंक में आते हैं, यह तो एटीएम से भी निकाला जा सकता है।” 

राम चरण काका कुछ नहीं बोले। 

नये मैनेजर ने थोड़े सख़्त लहजे में कहा, "अगर आपके पास एटीएम कार्ड नहीं है तो अभी दिलवा देता हूँ लेकिन अगली बार से काउंटर पर इतना छोटा पेमेंट नहीं होगा।"

राम चरण कातर शब्दों में बोले, "मेरे पास कार्ड है, मैं उसका प्रयोग नहीं करता हूँ, आप तो साहब नये है, मेरा इस बैंक से पिछले चालीस वर्ष से रिश्ता है।"

नया मैनेजर अपने ग्राहक की शिष्टता और पुराने संबंध से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका।

वह विनम्रता से बोला, "काका,आप मेरी बात को अन्यथा ना ले, यह आपकी सुविधा के लिए ही कह रहा हूँ। ए टी एम से पैसा निकलोगे तो सरल भी है और आपका समय भी बचेगा।"

रामचरण काका बड़े भावुक हो कर बोले :- साहब ,मैं पहले ए टी एम से पैसे निकालता था। वह सरल और सुविधा जनक भी था किंतु एक दिक्कत मुझे आई।

"क्या दिक्कत थी, बताइए तो हम उसे दूर करने की कोशिश अवश्य करेंगे।"

रामचरण काका ने नम आँखों से कहा, "ए टी एम केबिन का मशीन मुझे देखकर मुस्कुराता नहीं है।"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract