Hoshiar Singh Yadav Writer

Inspirational

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Hoshiar Singh Yadav Writer

Inspirational

दुर्घटना

दुर्घटना

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रानी अपनी स्कूटी पर जा रही थी कि सामने से आने वाले वाहन ने टक्कर जड़ दी। जोर का धमाका हुआ। स्कूटी टूट गई और रानी के पैर सहित शरीर में भयंकर चोट आई। सामने से आने वाली गाड़ी का चालक अपनी गाड़ी को भगा ले गया। अकेली पड़ी थी, शरीर में चोट ज्यादा लगी, पैर से खून बह रहा था। पास में मोबाइल था और उनकी हालात इतनी हालात खराब नहीं थी कि किसी से बात नहीं कर सके।

उधर जाने जाने वाले उन्हें देख कर चलते बने। वे यह सोच रहे थे कि यदि वे हाथ डालेंगे तो पुलिस उनसे गहन पूछताछ करेगी। इसलिए कोई भी पास से गुजरता, रानी उनसे प्रार्थना करती किंतु मारे डर कर रुकते नहीं रानी के ससुर अस्पताल में डाक्टर थे। यदि फोन किया जाए तो तुरंत एंबुलेंस आ सकती थी परंतु रानी इसलिए फोन नहीं करती थी कि नाते में उनके ससुर थे। ऐसे में कुछ ही मिनट में रानी बेहोश हो गई, खून बहता रहा। आसपास से जाने वाले लोगों ने आखिरकार उसकी हालात को देखकर उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में रानी के ससुर ने जब रानी को देखा तो दंग रह गए। आपरेशन किया गया और विभिन्न कार्रवाई करते हुए मौत के मुंह से बचा लिया। इतना खून बह गया कि कई दिनों में भी पूरा नहीं हो पाएगा।

जब रानी थोड़ी ठीक हुई तो उनकी सास ने आकर पूछा कि "चोट लगने पर क्या तुमने किसी को फोन नहीं किया?" रानी ने उत्तर दिया कि "वे अपने ससुर को कैसे फोन करें क्योंकि वह उम्र में बड़े हैं, रिश्ते में बड़े हैं?" सास ने सिर पर हाथ मारते हुए कहा - "अब वह युग नहीं। रहा आज खुलकर सास और बहू की बातें होती है। अगर तुम अपने ससुर से फोन पर सीधी बात करती तो आज इतनी बुरी हालत नहीं होती। अब तुम्हारी पैर से बहुत खून बढ़ गया है। यह सौभाग्य था तुम्हें बचा लिया परंतु इस बात का दुर्भाग्य है कि तुम सीधी बात करनी चाहिए थी।" इसलिए उन्होंने सभी देश की बहुओं को संदेश दिया कि यदि कोई हालात गंभीर हो तो अपने बड़ों से भी फोन करने में कतई नहीं घबराना चाहिए। मदद किसी से भी मांगी जा सकती है।



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