उस दौरान मुझे सम्बोधित करते हुए कोई पत्र आया हो यह स्मरण में नहीं है। उस दौरान मुझे सम्बोधित करते हुए कोई पत्र आया हो यह स्मरण में नहीं है।
माता पिता को वंचित रखा वह सौभाग्य तो खुद चल कर उनके द्वार पर पहुँच चुका था। माता पिता को वंचित रखा वह सौभाग्य तो खुद चल कर उनके द्वार पर पहुँच चुका था।
यादें भी कितनी अजीब होती है न। पल में मन कहाँ से कहाँ पहुँच जाता है। हमारी ज़िंदगी एक सफर ही है और हम... यादें भी कितनी अजीब होती है न। पल में मन कहाँ से कहाँ पहुँच जाता है। हमारी ज़िंदग...
पर शाम में सभी ने उन्हें पलक का ध्यान रखते हुए देखा। शायद उनकी आँखें खुल चुकी थी। पर शाम में सभी ने उन्हें पलक का ध्यान रखते हुए देखा। शायद उनकी आँखें खुल चुकी थी...
जब तक किसी मजबूर प्राणी की जान बचाने का आपको सौभाग्य न प्राप्त हो..! जब तक किसी मजबूर प्राणी की जान बचाने का आपको सौभाग्य न प्राप्त हो..!
चाहे सुख हो या दुःख उसके मायके का साथ होना एक सौभाग्य की बात है। चाहे सुख हो या दुःख उसके मायके का साथ होना एक सौभाग्य की बात है।