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डाॅ.मधु कश्यप

Inspirational

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डाॅ.मधु कश्यप

Inspirational

वंश कैसे आगे बढ़ेगा

वंश कैसे आगे बढ़ेगा

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“सुबह सुबह सुनीता जी के यहाँ मानो किसी ने हिरोशिमा का बम गिरा दिया हो।पूरे घर में मातम छाया हुआ था। कल छोटी बहु(पलक)की अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आई थी।

जिसे किसी ने छिपा दी थी जो आज सुबह ही सुनीता जी के हाथों लगी और बम विस्फोट हो गया।“पता नहीं, किसका श्राप लगा है ,घर को। पहले ही दोनों बहुओं को दो दो बेटियाँ और अब इसे भी बेटी ही होगी। किसी तरह पैसे खिलाकर टेस्ट कराया कि मिठाई खाने को मिले पर यहाँ तो जहर खाने की नौबत है।अब हमारा वंश कैसे आगे बढ़ेगा ? सुमित आज ही जाकर इसका अबाॅर्शन करा दे। मुझे अब पाँचवी पचती नहीं चाहिए। मुझसे नहीं देखा जाएगा। “सुनीता जी ने बड़बड़ाते हुए कहा। “मैं पलक का अबाॅर्शन नहीं कराऊँगा माँ। तुझे पोती नहीं चाहिए पर मुझे मेरा पहला बच्चा चाहिए।

एक तो पाँच साल बाद मुझे पिता बनने क सौभाग्य मिल रहा है और आप कन्या भ्रूण हत्या के लिए बोल रही हैं। छि:,एक औरत होकर आप ऐसा कैसे बोल सकती है माँ ?

ये पाप है और इस पाप को न मैं करूँगा और न आपको करने दूँगा।बुरा मत मानना माँ, पर आप भी तो तीन बहनें हैं। अच्छा हुआ नानीमाँ या नाना जी की सोच आपके जैसी नहीं थी। फिर आपकी सोच इतनी संकीर्ण कैसे हो सकती है?ठंडे दिमाग से सोचो माँ। एक तो आपने टेस्ट करवा कर कानून तोड़ ही दिया है।

भ्रूण हत्या करवाती तो मैं ही आपको जेल भिजवा दूँगा।जो है उसकी आपको चिंता नहीं है आने वाले वंश की चिंता है।“सुमित ने गुस्से में कह डाला किसी ने कुछ नहीं कहा और सभी अपने कमरे में चले गए। सुनीता जी दिन भर अपने कमरे में बंद रहीं। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी उनसे जाकर कुछ कहने की पर शाम में सभी ने उन्हें पलक का ध्यान रखते हुए देखा। शायद उनकी आँखें खुल चुकी थी।


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