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Praveen Gola

Abstract

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Praveen Gola

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दुपट्टे वाला

दुपट्टे वाला

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आइये - आइये मेरे दिल का हाल सुनते जाइये और एक दुपट्टा मुझसे मुफ्त में लेते जाइये | मगर ये क्या ???

कोई मुफ्त में भी उसके दिल का हाल सुनने को तैयार नहीं था | मैं भी वहीं पास से गुजर रही थी .... आप सभी को तो पता ही है कि मैं कितनी बातूनी हूँ | मैंने सोचा , "चलो मैं ही सुन लेती हूँ इसके दिल का हाल " | उसने अपना दिल मेरे सामने खोल कर रख दिया और फिर मुझसे पूछा ," आपको कौन से रंग का दुपट्टा पसंद है ?" मैंने लाल रंग पर हाथ रख दिया और उसने वो मुझे दे दिया | थोड़ी देर बाद वो बोला ," आप पर गुलाबी रंग भी बहुत फबता है .... आप ये भी ले लीजिये |" मैंने वो भी ले लिया और फिर से उसके दिल का हाल सुनने लगी | थोड़ी देर बाद उसने नारंगी रंग का दुपट्टा भी मुझे दे दिया | अब मैं घबरा गई और उससे बोली , " मुझे आपके दिल का हाल नहीं सुनना .... आप अपने सारे दुपट्टे वापस ले लो और कृपया करके मुझे जाने दो | अब तक उसे मुझसे मोहब्बत हो गई थी | उसने कहा , "थोड़ी देर और साथ बैठो ना ... अभी दिल~ए~ हसरत बाकी है |" मैंने उसका थोड़ा साथ और दिया तो उसने जाते - जाते मुझे पीले रंग का दुपट्टा भी पकड़ा दिया |

मैं घर आते वक्त सारे रास्ते यही सोचती रही कि आजकल किसी के दिल का हाल सुनने का भी अपनो के पास वक्त नहीं है | कोई

दुपट्टे देकर किसी को खरीद रहा है तो कोई दुपट्टे लेकर जानबूझकर खुद बिक रहा है क्योंकि दिल का हाल सुनने वाले लोग अब खत्म जो होते जा रहे हैं |


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