प्रेम और मित्रता
प्रेम और मित्रता
एक समय की बात है, एक गांव में एक गरीब लड़का नामकरण अकेला रहता था। उसके पास कोई मित्र नहीं था और वह हमेशा उदास रहता था। एक दिन, उसने एक गिलास में एक छोटा सा पौधा लगाया। वह रोज़ उसे पानी देता और देखता कैसे वह बढ़ रहा है। धीरे-धीरे पौधा बढ़ता गया और उसमें से फूल खिल उठे।
एक दिन, नामकरण उस फूल को देख रहा था कि अचानक वह खुशी से नाचने लगा। वह समझ गया कि प्यार की मिठास सिर्फ पशुओं और पौधों तक ही सीमित नहीं होती। वह फूल को अपना दोस्त मानने लगा।
वक्त बीतता गया और नामकरण और फूल का रिश्ता मजबूत हो गया। फूल ने उसे सदैव खुश रखा। एक दिन, नामकरण को पता चला कि उसके पास एक सबसे अच्छा दोस्त है।
यह कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि खुशी हमेशा छोटी और सरल चीज़ों में छिपी होती है। प्रेम और मित्रता हमें संतोष और आनंद प्रदान करती हैं, चाहे वह किसी भी रूप में हो।