Shalini Dikshit

Crime Thriller

3  

Shalini Dikshit

Crime Thriller

दो जासूस

दो जासूस

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चाचा चौधरी की कार पर चार सितारा होटल कॉन्टिनेंटल में प्रवेश करती है होटल के परिसर में बहुत भीड़ लगी हुई है, अफरा-तफरी मची हुई है। चाचा चौधरी ने कार पार्किंग में लगाने के लिए एक लड़के को दे दी और खुद अंदर चले गए। काउंटर पर जाकर बोले "हां बोलो क्या हुआ है? वह इंसान जीवित है कि मर गया?"

काउंटर पर बैठे सिद्धार्थ ने कहा, "चाचा जी वह मर गया, एक विदेशी मेहमान था उसका नाम डेविड है।"

"हमें पता नहीं चल पा रहा है मर्डर है खुदकुशी है"

"अच्छा विदेशी आदमी है........" चाचा बोले।

"हां!!" सिद्ध ने जवाब दिया।

"तब तो हमें उनकी सरकार को भी समाचार भेजना पड़ेगा।"

"हां चाचा जी आप सही कह रहे हैं........."

"साथ ही शर्लक होम्स को भी बुलाना पड़ेगा, अपने देश का मामला होता तो मैं अकेले केस सुलझा लेता........"

"ठीक है ऐसे ही करेंगे तब तक आप मुआयना कर लीजिए अकेले ही......."

"नहीं नहीं मेरी बात कराओ शर्लक होम्स से........"

"ठीक है "कह के सिद्धार्थ फोन लगाने लगा। 

चाचा चौधरी वहीं सोफे पर बैठ गए मन में न जाने क्या क्या सोचने लगे कोई विदेशी हमारे यहां आ कर के क्यों करेगा खुदकुशी और अगर किसी ने उसका मर्डर किया है तो उसका दुश्मन यहां तक कैसे आ गया क्यों आ गया शर्लक होम्स से बात हो गई है वह हर ५ घंटे में पहुंच जाएगा अपने चार्टर्ड प्लेन से। चाचा चौधरी बाकी सारी चीजों का मुआयना कर रहे हैं लेकिन अभी उस कमरे तक नहीं गए हैं जहां पर वह इंसान है जिसने आत्महत्या करी है या उसका मर्डर हुआ है।

लाल कलर की लंबी सी गाड़ी होटल के परिसर में प्रवेश करती है किसी ने अंदर आकर कर समाचार दिया कि शर्लक होम्स आ गया है चाचा चौधरी उठ खड़े हुए।

चाचा चौधरी और शर्लक होम्स ने अपने हाथ आगे बढ़ाये मिलाने के लिए और फिर पीछे कर लिया एकदम से याद आ गया इस कोविड-१९ में हाथ नहीं मिलाना है, काम तो करना ही है उसके लिए जरूरी है एहतियात भी बरतनी है साथ में।

"चाचा जी आपने देखा उस इंसान को......?" शर्लक होम्स ने कहा।

"नहीं शरलू अब साथ में चलते हैं उधर......" चाचा चौधरी ने जवाब दिया। चाचा चौधरी की आदत है कि वह शेरलॉक होम्स को शरलू कहते हैं।

दोनों कमरा नंबर २०४ में पहुंच गए कमरे का दरवाजा खुला हुआ था बाहर दो लोग खड़े होकर पहरेदारी कर रहे थे कि कोई अंदर जाकर छेड़छाड़ ना कर सके।

बाकी सारी जानकारियां उन लोगों ने ले ली थी किस ने दरवाजा खोला किसने सबसे पहली बार देखा जब दरवाजा खोला तो क्या हुआ यह सब शुरुआती बातें।

पता चल चुका था कि सुबह से दरवाजा बंद था दोपहर में होटल वालों को लगा यह हमारा मेहमान जिसका नाम डेविड है शायद वह बाहर घूमने कहीं गया होगा तो हाउसकीपिंग वालों ने मास्टर की से दरवाजा खोलकर कमरे की साफ सफाई करनी चाही तब देखा अंदर उसका मृत शरीर पड़ा हुआ है।

चाचा चौधरी और शर्लक होम्स ने अंदर जाकर देखा मृत इंसान जिसका नाम डेविड बताया जा रहा है जमीन पर पड़ा हुआ है और जमीन से मुश्किल से दो ३ फीट ऊंची खिड़की से तार बंधा हुआ है उसके गले में।

"इतनी कम ऊँचाई से कोई फांसी कैसे लगा सकता है किसी ने मारा है?" शर्लक होम्स ने कहा।

"लेकिन अगर यह इंसान फांसी लगाना ही चाह रहा था तो इस कमरे में और कोई जरिया भी तो नहीं था पंखा भी नहीं है वह करता भी क्या.......?"- चाचा चौधरी बोले। 

"लेकिन फांसी लगाने के लिए आपके पैर जमीन से ऊपर होने चाहिए, यहां कैसे फांसी लगाएगा मुझे तो लगता है कि मर्डर है......." शर्लक बोला।

"ध्यान से देखो शरलू यह जो वायर इस इंसान के गले में बंधा हुआ है यह क्लच वायर है ये बहुत तेजी से खिचता जाता है ।" चाचा चौधरी बोले। 

 "इस इंसान ने अपने गले में बांध कर इसको खिड़की से बांध दिया और अब खुद को आगे खींचने लगा होगा जमीन पर बैठे हुए ही और फांसी सी लग गई होगी......." चाचा चौधरी आगे बोले।

 "हां है तो ये क्लच वायर ही आप कह रहे हो वह बात भी सही हो सकती हैं......." शर्लक ने कहा।

 बाकी शर्लक होम्स की टीम के लोग कमरे का मुआयना कर रहे थे उन लोगों को उस व्यक्ति के सामान में से कुछ दवाइयां मिली। उन दवाइयों को देखकर शर्लक होम्स ने सुनिश्चित किया कि ये अवसाद में खाई जाती है।

 एक साथ इस नतीजे पर पहुंच गए अवसाद ग्रस्त आदमी ने आत्महत्या ही की है।


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