दमक
दमक
बार बार राखी, स्नेहा को घूर घूर कर देख रही थी.. वो बहुत ही असहज हो गयी...
”क्यूं... क्या हुआ तुझे... तेरा चेहरा आज कुंदन सा दमक रहा है... बता...”
“कुछ नही... ये पीला दुपट्टा है ना... इसी का रिफ्लेक्शन है...”
“अच्छा... पीला दुपट्टा पहली बार तो नहीं पहना तूने... बताती है... या आंटी को बता दूं... सब तेरे और रितिक के बारे में...”
“हूं... बता दे...” स्नेहाने हंसते हुए कहा...
“अच्छा...”
“बता ना... अब नहीं छुपाना पडेगा... ये दुपट्टा रितिक की मम्मी ने ही दिया है... और मां से कहा है... बहुत खूबसूरत है... आपकी बेटी... मुझे पसंद है मेरे बेटे की पसंद...।”
