"अंकल जरा मेरा समान स्कूटी में टांग देना, मेरे हाथ मे बहुत तेज दर्द है।"यह सुनकर वह भी "अंकल जरा मेरा समान स्कूटी में टांग देना, मेरे हाथ मे बहुत तेज दर्द है।"यह सुनकर...
कुछ आवाज आई और वह यह सोचते हुए उठ गई कि सुख दूसरे के और दुख अपने। कुछ आवाज आई और वह यह सोचते हुए उठ गई कि सुख दूसरे के और दुख अपने।
आज जानकी ने दो- दोमासूमों को बचा लिया था..! नारी जो है...! आज जानकी ने दो- दोमासूमों को बचा लिया था..! नारी जो है...!
वह देवी स्वरूपा अपना काम करके गायब हो गई इसी के विषय में कहानी है। वह देवी स्वरूपा अपना काम करके गायब हो गई इसी के विषय में कहानी है।
अपने आपको अकेला मत समझना, कोई भी ज़रूरत हो, निः संकोच हमसे कहना अपने आपको अकेला मत समझना, कोई भी ज़रूरत हो, निः संकोच हमसे कहना
जीवा की आंखों से खुशी के मारे आंसू रुक नही रहे थे ! जीवा की आंखों से खुशी के मारे आंसू रुक नही रहे थे !