Sheikh Shahzad Usmani शेख़ शहज़ाद उस्मानी

Tragedy Thriller

2  

Sheikh Shahzad Usmani शेख़ शहज़ाद उस्मानी

Tragedy Thriller

दिल धक-धक करे... (लघुकथा)

दिल धक-धक करे... (लघुकथा)

2 mins
170


"मेरे शौहर तलाक़ देकर मुझे यहाँ छोड़कर चले गये और तुमने अपने शौहर को बिना तलाक़ लिये-दिये छोड़ दिया! हम दोनों कितनी बदनसीब हैं!" पड़ोसन सायरा के मुंह से तीखी बात सुनकर शबाना धक्क रह गई। अपने आलीशान बंगले के भव्य कमरे में गई, तो टेबल पर रखे फ्रेम में अपने छूटे शौहर मज़हर और उसकी नई बीवी ज़ीनत की फ़ोटो देखने लगी, जो बड़े प्यार से उसे नाश्ता खिला रही थी। प्यार बाँटते और बँटते देख शबाना फिर धक्क रह गई। 


अगली बार दफ़्तर के बॉस के साथ अपनी बर्थ-डे पार्टी मनाकर जब शबाना घर लौटी, तो एक वीडियो कॉल में जन्मदिन पर मज़हर की मुबारकबाद सुनने के साथ ही, बड़े प्यार से मज़हर को टाई बाँधती हुई उसकी नई बीवी को देखकर शबाना के गाल पर शौहर का ज़ोरदार तमाचा सा पड़ा। शबाना को फ़िल्म 'जुदाई' वाली प्रेरणास्रोत काजल की याद ताजा हो गई। कुछ देर कहीं खोई रही, फ़िर अपने कंधे उचकाकर अपने गर्दन तक के कटवा-बाल लहराकर मुस्कुराने लगी।


"तू वहाँ ख़ुश, मैं यहाँ ख़ुश! तू शौहर तो मेरा भी है न!" बड़बड़ाती हुई शबाना अपने बेडरूम में दीवारों पर टँगे फ़िल्म 'जुदाई' वाली काजल के पोस्टर निहारने लगी। इस फ़िल्म को देखकर वह श्रीदेवी की ज़बरदस्त फैन हो गई थी। दस बार देख चुकी थी वह यह फ़िल्म। उसके बातचीत के लहज़े में भी काजल वाले अंदाज़ शामिल हो चुके थे। उसे पैसा, दौलत और आज़ादी ही तो चाहिए थी न! ... और...मज़हर को जाह्नवी जैसी सुंदर व सुशील हिंदुस्तानी ज़ीनत चाहिए थी, बस।


"तुमने शौहर से दौलत हासिल कर उसे दूसरे निकाह की इज़ाज़त दी थी ... तूने ही अपना नेक शौहर छोड़ा, अब केवल ज़ीनत का उस पर हक़ है!" शबाना के अंतर्मन ने उसे डाँटते हुए कहा, "बेहतर है कि मज़हर की दौलत पर नीयत रखने के बजाय तुम जल्द ही उसे क़ानूनन तलाक़ दे दो, ज़ीनत की ख़ुशहाली वास्ते!"


तभी शबाना को अपनी अम्मीजान का कहा यह डायलॉग याद आ गया, जो फ़िल्म 'जुदाई' जैसा ही तो था :


"दौलत तुम्हारा सपना था, जो मज़हर की वजह से पूरा हुआ उसकी दौलत पाकर! सच्चा प्यार पाना अब तुम्हारा ख़्वाब और तसव्वर है, क्योंकि तुम उस नेक शौहर को खो चुकी हो!"


फ़िर शबाना के अंतर्मन ने उसको बुरी तरह झकझोरते हुए कहा, "अरे, दौलत-शोहरत की भूखी! तूने अपने दोनों बच्चों को उनका पूरा हक़ भी न दिया! " 


'जुदाई' वाली काजल की तरह अपने आलीशान बेडरूम को निहारती शबाना फिर धक्क सी रह गई।


(दिवंगत अदाकारा श्रीदेवी की फ़िल्म 'जुदाई' पर आधारित विनम्र श्रद्धांजलि सहित)



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy