डॉक्टर ...द रियल हीरो
डॉक्टर ...द रियल हीरो
डॉक्टर इस संसार के रियल हीरो होते हैं जो सबकी रक्षा करते हैं मैं खुशकिस्मत हूं कि मैं एक डॉक्टर हूं। देश को मेरी जरूरत है तो मैं घर में नहीं बैठ सकती!" संजना अपने पति आरव से बोली।
" पर संजना बीमारी बहुत बढ़ गई है रोज कितनी मौतें हो रही हैं कल को तुम्हें कुछ हो गया तो !" आरव ने दलील दी।
" डॉक्टर अपनी जान की परवाह नहीं करते आरव.. हमें यही सिखाया जाता है कि डॉक्टर को खुद से, परिवार से ऊपर सोच अपने मरीज की रक्षा करनी होती है।" संजना फिर बोली।
"मतलब तुम मेरी नहीं सुनोगी ....अरे खुद की परवाह नहीं ना सही पर मुझे, मेरे मां -बाप को ,मेरी बच्ची को इस कोरोना की चपेट में नहीं आना तुम फैसला कर लो या तो इस घर में रह सकती हो या इस वक़्त ड्यूटी ज्वाइन कर सकती हो फैसला तुम्हारा है!" आरव सख्त लहजे में बोला।
"ठीक है अगर मेरे देश की सेवा के लिए मुझे ये घर छोड़ना पड़ेगा तो ये भी मंजूर है पर मैं अपने फर्ज से पीछे नहीं हट सकती मेरी खुशकिस्मती है ये तो कि मुझे इस काम के लिए चुना गया!" ये बोल संजना अपना सामान पैक करने लगी।
"मिष्टी के कपड़े रखने की जरूरत नहीं वो नहीं जाएगी तुम्हारे साथ !" अपनी बेटी के कपड़े संजना से छीनते हुए आरव बोला।
संजना ने नम आंखों से पास सोई अपनी चार साल की नन्ही बच्ची को देखा और बैग उठा निकल गई झटके से बाहर।
अपने मायके ना जा फिलहाल उसने हॉस्पिटल के क्वॉटर्स में ही रहना मुनासिब समझा।
अब वो और ज्यादा वक़्त अपने मरीजों को दे सकती थी। उसने दिन रात एक कर दिए थे कोरोना मरीजों की तीमारदारी में। कभी कभी मिष्टी को याद कर उसकी आंख भर आती पर सिर को झटक वो वापिस जुट जाती अपनी साधना में। ऐसे करते दस दिन बीत गए।
उधर मिष्टी संजना को याद कर रोती है तो उसकी दादी उसे बहलाने का हर संभव प्रयास करती है।
" मां क्या बात है आज मिष्टी ने नाश्ता नहीं किया!" एक दिन आरव सुबह उठ कर अपनी मां रमा जी से पूछता है।
" बेटा मेरी तबीयत ठीक नहीं बुखार भी है उठा नहीं जा रहा था मुझसे !" रमा जी बोली।
" ठीक है मैं देखता हूं कुछ बनाता हूं आपके और पापा के लिए मिष्टी को फिलहाल दूध बिस्किट देता हूं आप आराम करो!" आरव बोला।
शाम तक रमा जी की हालत खराब हो गई उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी तो हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। जहां कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई और तबीयत बिगड़ने पर आईसीयू में भरती किया गया!
" आरव तुम यहां?" अगले दिन जनरल वार्ड से मरीजों को देख कर आती संजना आरव को हॉस्पिटल में देख रुक गई।
" संजना मां आईसीयू में भर्ती हैं कोरोना पॉजिटिव आई हैं वो डॉक्टर सीरियस बता रहे उन्हें!" आरव लगभग रोते हुए बोला।
" तुम चिंता मत करो मां का केस मैं खुद देखूंगी उन्हें कुछ नहीं होगा !" संजना ने आरव को दिलासा दी।
" संजना मां को बचा लो प्लीज़!" आरव हाथ जोड़ते हुए बोला।
" आरव तुम बेफिक्र हो घर जाओ यहां मैं हूं ना मैं कोई कमी नहीं होने दूंगी मां को!" संजना बोली।
संजना ने पूरे दिल से रमा जी की देखभाल की धीरे धीरे वो ठीक होने लगी अब उन्हें आईसीयू से कमरे में शिफ्ट कर दिया गया जहां आरव को उनसे मिलने की इजाजत भी मिल गई थी।
आरव देख रहा था कैसे संजना एक डॉक्टर के साथ साथ एक बहू का भी फर्ज निभा रही है। वो बाकी मरीजों को देख कर आती फिर रमा जी की देखभाल करती। आज उसे अपनी सोच पर शर्म आ रही थी अगर उसकी तरह सभी डॉक्टर्स के परिवार वाले उन्हें रोक ले तो कैसे किसी मरीज की जान बचेगी।
इधर धीरे धीरे रमा जी खुद को बेहतर महसूस कर रही थी। उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी ।
" आरव तुम आज मां को घर ले जा सकते हो पर हां दवाई समय से देना , खाने पीने का ध्यान रखना!" संजना ने आरव से कहा।
" बेटा तू नहीं चलेगी अपने घर!" रमा जी संजना से बोली।
" मां मेरी जरूरत यहां इन मरीजों को ज्यादा है !" संजना ये बोल वहां से जाने लगी।
" रुको संजना ... मैं हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगता हूं तुमसे अपने किए पर शर्मिंदा हूं मैं कसूरवार हूं तुम्हारा और इंसानियत का भी जो तुम्हें तुम्हारे फर्ज से पीछे हटने को बोल रहा था मुझे माफ़ कर दो !" आरव हाथ जोड़ खड़ा था।
" ये क्या कर रहे हो तुम आरव!" संजना बोली।
" शाम को मैं, हमारी बेटी और तुम्हारा घर सब तुम्हारा इंतजार करेंगे संजना और तुम्हें आना ही होगा... तुम सच में रियल हीरो हो पर अब मैं भी तुम्हारे फर्ज के रास्ते में विलेन नहीं बनूंगा ये वादा है तुमसे, तुम अपना फर्ज निभा कर अपने घर आ जाना सामान तुम्हारा मैं ले जा रहा हूं!" आरव बोला।
" पर आरव!" संजना ने कुछ बोलना चाहा ।
" पर वर कुछ नहीं अब मेरी पहली और आखिरी गलती समझ माफ़ कर दो ना मुझे प्लीज़ !" आरव घुटनों के बल बैठ गया।
संजना उसकी इस अदा पर हंस दी और शाम को आने का वादा कर आरव और रमा जी को घर भेजा।
दोस्तों सच में डॉक्टर धरती के भगवान हमारे रियल लाइफ हीरो होते हैं इस कोरोना काल में तो ये बात सबको समझ आ गई है।
सलाम है आप सबको हमारे रियल हीरोज।